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15 साल बाद आई बाढ़ ने खोली कमजोर बैराज की पोल, टूटने की हालत में गेट - खैरागढ़ विधायक देवव्रत सिंह

खैरागढ़ में पिछले कुछ दिनों से तेज बारिश की वजह से नदियां उफान पर हैं. 3 दिनों से हो रही बारिश के बाद बैराज के जो हालात देखने को मिल रहे हैं, वह चिंताजनक हैं. बैराज में पानी लबालब भर चुका है. इस वजह से बैराज का गेट टूटने की हालत में आ गया है.

barrage gates built in Khairagarh have have started breaking due to heavy rains
नदी उफान पर

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Published : Aug 29, 2020, 10:14 AM IST

राजनांदगांव:15 साल पहले 2005 में जब खैरागढ़ बाढ़ की चपेट में आया, तो कई कार्य योजनाएं बनीं, इनमें सबसे बड़ी योजना थी, प्रधानपाठ बैराज की. कहा गया था कि आमनेर पर 59 करोड़ का बैराज बनने के बाद राहत मिलेगी. इसकी वजह से एक-दो साल में ही कार्ययोजना बनाकर काम शुरू किया गया, लेकिन बैराज को बनने में 11 साल लग गए. इसके बाद भी बैराज किसी काम का नहीं है. 3 दिनों से हो रही बारिश के बाद जो बैराज के हालात देखने को मिल रहे हैं, वह काफी चिंताजनक हैं. बैराज में पानी लबालब भर चुका है. वर्तमान में क्षमता से अधिक पानी का भराव हो चुका है. पिछले साल भी बैराज में इसी तरीके का जलभराव हुआ था, इसकी वजह से बैराज का गेट टूट गया था. अब भी वही स्थिति बन रही है.

नदी में आई बाढ़

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बैराज के निर्माण के दौरान हुए भ्रष्टाचार की अपनी अलग कहानी है. बैराज बनने में देरी के कई बहाने गिनाए गए. इन 11 साल में बैराज के प्रोजेक्ट की लागत 18 करोड़ से बढ़कर 59 करोड़ पहुंच गई. इतनी राशि खर्च करने के बाद भी राहत मिलना तो दूर उल्टे स्ट्रक्चर ही खोखला बनाया गया. लगभग साल-डेढ़ साल पहले इसी तरह हुई बारिश ने घटिया निर्माण की पोल खोल दी थी. चारों गेट के साथ विंग वॉल से पानी रिसने लगा. फ्लोर भी उखड़ गया और बेस भी खोखला हो गया. विधायक देवव्रत सिंह ने खुद कहा था कि यह बैराज बाढ़ नहीं रोक पाएगा. आज भी बैराज का एक गेट टूटा हुआ है, इमरजेंसी गेट लगाकर काम चलाया जा रहा है. इसके अलावा भी कई खामियां हैं.

नदी उफान पर

बैराज की जगह बनना था बांध

विधायक ने कहा था कि इस जगह पर बैराज नहीं बांध बनना था. वैसे भी साल दर साल सिर्फ लागत बढ़ी, बैराज की मजबूती परखने के लिए कोई भी अफसर मौके पर नहीं पहुंचा.

जानिए ये है प्रधानपाठ की खामियां

  • 2006 में स्वीकृति मिलते ही सिविल वर्क से पहले गेट के सामान खरीदे गए, जो 7-8 साल जंगल में पड़े रहे.
  • बॉडी वॉल के बेस तक खुदाई कर रवल-रेत हटाए बिना निर्धारित मापदंड से कम की सरिया लगाकर कंक्रीट की पतली परत बिछाई गई.
  • सलूज गेट और जेन्ट्री क्रैन की क्वॉलिटी खुद मेकैनिकल डिपार्टमेंट नकार चुका है.
  • सिविल इंजीनियरों के मैकेनिकल काम करने से चारों गेट का फॉल्ट सबसे पहले उजागर हुआ.
  • इन 11 सालों में ठेकेदार ने कई बार काम रोका, फिर एस्टीमेट रिवाइज्ड हुआ, लेकिन काम की गुणवत्ता नहीं परखी गई.

कम करेंगे गेट की ऊंचाई

ईई जीडी रामटेके का कहना है कि 3 गेट खोलने के बाद पानी कम हुआ है. डैमेज गेट की ऊंचाई घटाकर उसे सुधारने कहा गया है, अगले बजट में इसका प्रस्ताव भेजा जाएगा. वैसे कल सुबह तक पानी कम होने की संभावना है.

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