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राजनांदगांव : केले की खेती ने तोड़ी किसानों की कमर, लॉकडाउन में हुआ लाखों का नुकसान

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Published : May 31, 2020, 8:01 AM IST

केले के किसानों की लॉकडाउन ने की कमर तोड़ दी है. परिवहन की कमी, मांग और मूल्य में आई गिरावट के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में उन्हें लाखों का घाटा हुआ है.

Banana farmers have losses
केले की खेती ने तोड़ी किसानों की कमर

राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ में ज्यादातर किसान धान की खेती करते हैं, लेकिन कुछ साल से किसानों ने अन्य खेती की ओर ध्यान भी देना शुरू किया. परंपरागत खेती से हटकर किसानी करने वाले किसान इस बार लॉकडाउन में बड़ा नुकसान झेल रहे हैं. केले के किसानों की लॉकडाउन ने की कमर तोड़ दी है. दरअसल किसानों ने खेती के लिए बड़ी लागत लगाई थी. लेकिन मुनाफा तो दूर इनका मूल तक वापस नहीं आ रहा है.

लॉकडाउन में हुआ लाखों का नुकसान

किसानों को अब इस साल मुनाफे के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं. केले की फसल पककर तैयार भी है. लेकिन फसल बाजारों तक नहीं पहुंच पा रही है, जिसके कारण केले के फसल खेतों में सड़ रही है. इसके अलावा मांग और कीमत दोनों घट गई है. ऐसे में किसान परेशान हैं और किसानों को लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है. लॉकडाउन में परिवहन के साधन नहीं होने से किसान अन्य राज्य में भी सप्लाई नहीं भेज पा रहे हैं अब हालात ये हैं कि किसान कर्ज से लद चुके हैं. ईटीवी भारत की टीम ने केले की खेती करने वाले ऐसे ही किसानों के खेतों में जाकर हालातों के जायजा लेने की ठानी. लॉकडाउन का केले की खेती पर असर जानने के लिए हम सबसे पहले जिले के डोंगरगांव ब्लॉक के ग्राम पंचायत सुखरी पहुंचे. जहां सालों से केले की खेती करने वाले किसान दयाराम टांक ने बताया कि इस बार लॉकडाउन होने के कारण परिवहन के साधन बंद हैं. ऐसे में फसल खेत में ही सड़ रही है. उन्होंने बताया कि जैसे ही केले की फसल पक कर तैयार हुई वैसे ही लॉकडाउन लग गया. जिसके कारण परिवहन नहीं हो सका.

बजारों में प्रभाव

वहीं बाजार में केले के दाम में भी गिरावट आ गई 10 से 15 रुपए किलो में बिकने वाला केला अब 2 से 3 रुपए किलो में बिक रहा है. ऐसी स्थिति में केले की तोड़ाई भी नहीं निकल पा रही है. मजदूरों को भी जेब से पैसे दिए जा रहे हैं.

हर साल होता है फायदा

किसानों की मानें तो केले की फसल से हर बार उन्हें फायदा होता आया है. 1 एकड़ में करीब 75 हजार रुपए की लागत आती है. करीब डेढ़ लाख रुपए तक का मुनाफा फसल तैयार होने के बाद होता है. लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते उन्हें केवल नुकसान हुआ है. कुछ किसानों ने बताया कि 2 लाख से ज्यादा का नुकसान झेल रहे हैं. डोंगरगांव निवासी रामकुमार गुप्ता का कहना है कि वे केले की खेती से करीब 5 से 7 लाख का फायदा मिलता था. लेकिन इस साल लॉकडाउन के कारण केले की डिमांड में अचानक कमी आ गई.

कर्ज लेकर दोहरा नुकसान

जिले के डोंगरगांव ब्लॉक के खैरागढ़ और डोंगरगढ़ सहित अंबागढ़ चौकी ब्लॉक में केले की खेती की जाती है. ऐसे में किसान इस खेती के लिए कर्ज लेकर फसल तैयार करते हैं. इस बार मौसम ने भी किसानों का साथ नहीं दिया. आंधी तूफान के चलते केले की फसल को काफी नुकसान पहुंचा. दूसरी ओर लॉकडाउन ने लगभग किसानों की कमर तोड़कर रख दी. अब किसान कर्ज के तले दब चुके हैं.

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