खैरागढ़/राजनांदगांव: खैरागढ़ ब्लॉक सहित जिलेभर में बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों की वापसी हो रही है. शहर में प्रवासियाें का आंकड़ा 100 पार हो चुका है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में 4 हजार 200 से अधिक लोग अपने घर वापस लौटे हैं. ये सभी या तो घर में खुद को क्वॉरेंटाइन कर रहे हैं, या क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे हैं. इस दौरान कुछ प्रवासियों के मौत का मामला भी सामने आ रहा है.
इन सबके बीच क्वॉरेंटाइन में रह रहे लोगों को लेकर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. प्रशासन के पास क्वॉरेंटाइन किए गए प्रवासी मजदूरों की मेडिकल हिस्ट्री नहीं है न ही स्वास्थ्य विभाग ने अब तक प्रवासी मजदूरों की मेडिकल हिस्ट्री ली है. इस लापरवाही के चलते कई श्रमिकों की क्वॉरेंटाइन सेंटर में अचानक तबीयत बिगड़ रही है. दो प्रवासी मजदूर की क्वॉरेंटाइन के बाद मौत भी हो गई है. इसके आलावा कई लोगों की तबीयत बिगड़ती रहती है.
हादसों के बाद भी नहीं लिया जा रहा सबक
जिले के सभी क्वॉरेंटाइन सेंटर्स में गांव की मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगाई गई है. क्वॉरेंटाइन सेंटर में ठहरे श्रमिक इनकी निगरानी में ही रहते हैं. अगर अचानक किसी भी प्रवासी की तबीयत बिगड़ती है, तो मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सूचना पर ही स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंचती है. स्वास्थ्य विभाग को एक-एक प्रवासी श्रमिकों की मेडिकल हिस्ट्री जुटाने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने प्रवासियों की मेडिकल हिस्ट्री ही नहीं खंगाला है. यहीं वजह है कि क्वॉरेंटाइन सेंटर से घर लौटने के बाद श्रमिकों के साथ अनहोनी हो रही है.
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