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विजया एकादशी व्रत...विष्णु की उपासना से होती है पुरुषार्थ की प्राप्ति, जानिये पूजन विधि

रविवार को वैष्णव की विजया एकादशी धूमधाम से मनाई जाएगी. इस दिन त्रि-पुष्कर योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का सुंदर संयोग बन रहा है. इस शुभ दिन भक्त ऐसे करें पूजा...

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Published : Feb 26, 2022, 6:08 PM IST

Updated : Feb 26, 2022, 11:01 PM IST

vijaya ekadashi
विजया एकादशी का व्रत

रायपुर: रविवार को वैष्णव की विजया एकादशी धूमधाम से मनाई जाएगी. इस दिन त्रि-पुष्कर योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का सुंदर संयोग बन रहा है. विजया एकादशी के दिन हरि विष्णु की उपासना, उपवास, व्रत दान और स्नान करने से भगवान विष्णु खुश होकर विजयाशील होने का आशीर्वाद प्रदान करते हैं. विजया एकादशी का नियमपूर्वक पालन करने पर व्यक्ति के जीवन में चारों ओर जय-जय कार होती है. यह एकादशी बहुत ही महत्वपूर्ण मानी गई है. विजया एकादशी, जय श्री, विजय श्रेष्ठ और पुरुषार्थ होने के लिए प्रेरित करती है.

विजया एकादशी व्रत

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भगवान विष्णु की पूजा ऐसे करें...
भगवान हरि विष्णु के व्यक्तित्व में उदारता, महानता, विशालता और संपूर्णता का भाव देखने को मिलता है. इस उपवास को करने से नर-नारी में यह सारे सद्गुण धीरे-धीरे विकसित होने लगते हैं. श्री हरि विष्णु नयनाभिराम रूपवान योगदान तेजस्वी ओजस्वी और पराक्रमशील है. विजया एकादशी की पर्व को संपूर्ण मंगलकामनाओं के साथ और अनंत श्रद्धा से मनाई जाने पर भगवान का आशीर्वाद भक्तों पर विशेष रूप से मिलता है.इस दिन पीले और लाल आदि कपड़े धारण करना चाहिए. भगवान हरि विष्णु को पीले अथवा लाल वस्त्र में आदरपूर्वक आसन में बैठाना चाहिए. जिस जगह पर श्री हरि विष्णु की पूजा हो. वह स्थल पूरी तरह से साफ सुथरा होना चाहिए.

इस पूजन में स्वच्छता का विशेष महत्व है. माता लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है. माता लक्ष्मी धन की अधिष्ठात्री देवी हैं. वह धन संपदा स्थाई जायदाद प्रदान करने वाली है. शुभ दिन विष्णु सहस्त्रनाम, आदित्य हृदय स्त्रोत, विष्णु चालीसा विष्णु के 108 नाम पढ़ने का विशेष विधान है. रामरक्षा स्त्रोत्र का भी जाप किया जा सकता है. ओम नमो भगवते वासुदेवाय का पाठ पूरी श्रद्धा और अनंत निष्ठा से करना चाहिए. समस्त वैष्णव भक्तों के लिए यह त्योहार बहुत ही पवित्र है. आज के दिन अभिलाषाएं मांगी जाती है वह भगवान की कृपा से पूर्ण होती है.

Last Updated : Feb 26, 2022, 11:01 PM IST

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