Ramnavami 2023 : हिंदू शास्त्र के अनुसार इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का जन्म हुआ था हिंदू धर्म शास्त्र के अनुसार त्रेता युग में जब रावण का अत्याचार बहुत बढ़ गया था. तब रावण का अत्याचार समाप्त करने और धर्म की स्थापना की पुनः स्थापना करने के लिए भगवान विष्णु ने पृथ्वी लोक पर श्री राम के रूप में अवतार लिया था. श्री राम का जन्म चैत्र नवमी के दिन रानी कौशल्या के गर्भ से अयोध्या में राजा दशरथ के घर हुआ था. रामनवमी का त्यौहार हर साल मार्च-अप्रैल महीनों में मनाया जाता है.महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी. लेकिन कोई भी राजा दशरथ को संतान का सुख नहीं दे पाई थी. जिससे राजा दशरथ पुत्र प्राप्ति के लिए राजा दशरथ को ऋषि वशिष्ठ ने कामेसी यज्ञ करवाने का विचार दिया. राजा दशरथ ने यज्ञ समाप्ति के बाद महर्षि वशिष्ठ ने तीनों रानियों को आहुति से निकली खीर खाने को दिया. खीर खाने के कुछ ही महीने बाद तीनों रानियां गर्भवती हो गई.फिर खाने के 9 महीने बाद रानी कौशल्या ने भगवान विष्णु के सातवें अवतार प्रभु श्री राम को जन्म दिया रानी केकई ने भरत को और सुमित्रा ने जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया.(Worship method and importance of Ram Navami)
क्यों हुआ था राम का जन्म :भगवान राम का जन्म धरती पर दुष्ट प्राणियों को खत्म करने के लिए हुआ था हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान श्री राम जी का जन्म हुआ था. इस तिथि को भक्त लोग रामनवमी के रूप में मनाते हैं एवं पवित्र नदियों में स्नान करके पुण्य के भागीदार ही होते हैं. हिंदू धर्म के प्रति लोगों में बेहद भक्ति और आस्था है यही वजह है कि भारत में रामनवमी के त्यौहार को काफी धूमधाम से मनाया जाता है इस दिन भगवान श्री राम के भक्ति में डूबकर भजन कीर्तन किए जाते हैं. श्री राम कथा सुनी जाती है रामचरितमानस का पाठ करवाया जाता है. कई जगहों पर भगवान श्री राम की प्रतिमा को झूले में झुलाया जाता है.(Ram Navami 2023)
रामनवमी का पूजा मुहूर्त – आईए आपको बताते हैं साल 2023 में रामनवमी कब हैं.
नवमी तिथि का प्रारंभ – 29 मार्च 2023 को 09:07 PM बजे