रायपुर: मृगशिरा नक्षत्र ब्रह्म योग कौलव और तैतिल करण के मंगलकारी योग में शनि प्रदोष व्रत (Shani Pradosh Vrat 2022) शनिवार के दिन उत्तरायण काल में 15 जनवरी को मनाया जाएगा. आज के शुभ दिन रवि योग और निवृत्ति योग भी है. सुबह से ही चंद्रमा का आगमन मिथुन राशि में हो जाएगा. यह कल्याणकारी है, मृगशिरा में सूर्य वेद भी बन रहा है और प्रदोष व्रत करने पर भोलेनाथ की विशेष कृपा मिलती है. महामृत्युंजय रूद्र को आज के दिन जलाभिषेक दुग्ध अभिषेक करने पर विशेष लाभ मिलता है. अनादि शंकर भगवान को शमी पत्र, बेलपत्र, धतूरा, आक का फूल और प्रकृति के विभिन्न रंगों के फूल बहुत प्रिय हैं. आज के शुभ दिन भवानी शंकर को दूध भी चढ़ाया जाता है. पंचामृत दही दूध का अभिषेक करना पवित्र माना गया है.
जानें शुभ मुर्हूत
ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा (Astrologer and Vastu Shastri Pandit Vineet Sharma) ने बताया कि प्रदोष व्रतधारी को एकासना का अभ्यास करना चाहिए. अनेक व्रती निराहार रहकर इस पर्व को मनाते हैं. आज के शुभ दिन महामृत्युंजय, लिंगाष्टकम, रुद्राष्टकम, पंचाक्षरी मंत्र, शिव संकल्प मंत्र और अष्टाध्यायी का पाठ करना शुभ माना गया है. प्रदोष काल में विशेष महत्व है. मुख्य पूजा प्रदोष काल के समय ही करनी चाहिए. अनेक विद्वान सूर्यास्त के बाद 72 मिनट पूर्व और 72 मिनट बाद प्रदोष काल को मानते हैं. शाम को 4:28 बजे से लेकर शाम 6:52 तक प्रदोष काल रहेगा.
भगवान शिव की साधना