रायपुर: भोले बाबा के प्रिय पुत्र में से एक है भगवान गणेश. बुद्धि के देवता भगवान गणेश अपने भक्तों पर असीम कृपा बरसाते हैं. मान्यता है कि बुधवार को इस अनोखे मंदिर में सच्चे मन से गजानन की पूजा करने से आपके सारे दुख भगवान हर लेते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं भी पूर्ण करते हैं. शायद यही वजह है कि यहां दूर दूर से श्रद्धालु अपनी मन्नतें लेकर भगवान की पूजा करने आते हैं.
शहर के हृदय स्थल में स्थित है गजानन का मंदिर:रायपुर के हृदय स्थल माने जाने वाले ऐतिहासिक बूढ़ातालाब के तट पर स्थित यह दक्षिणमुखी गणेश मंदिर है. इसकी स्थापना 1979-80 में हुई थी. मंदिर के पुजारी पंडित विनोद कुमार मिश्रा बताते हैं कि "इस पुराने गणेश मंदिर बात ही निराली है. यहां जो भी भक्तिभाव से अपनी मनोकामना को लेकर आता है, उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. इस मंदिर के अंदर प्रवेश करते ही मनुष्य के दुःखी भावनाएं खुशी में बदल जाती है. श्रद्धालु यहां बड़े प्रेम से भगवान की भक्ति भजन करते हैं."
बुधवार के दिन होती है गणेश जी की विशेष पूजा: बुधवार के दिन भगवान गणेश की विशेष प्रकार से पूजा और आरती होती है. इस दिन दूर दूर से श्रद्धालु गजानन भगवान के दर्शन के लिए आते हैं. उसके बाद भगवान की संध्या आरती में शामिल होते हैं. यहां भगवान के नाम से अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए नारियल भी बांधते हैं. यहां रोजाना कम से कम यदि 4 नारियल बंधते हैं, तो 4 नारियल खुलते भी हैं.
Raipur: इस अनोखे मंदिर में भगवान गणेश की करें पूजा, सभी मनोकामनाएं होंगी पूरी - गजानन का मंदिर
भोले बाबा के प्रिय पुत्र में से एक है भगवान गणेश. बुधवार का दिन बुद्धि के देवता भगवान गणेश को समर्पित है. भगवान गणेश सभी तरह की बाधाओं को दूर करने वाले, सुख, समृद्धि और बुद्धि दाता माने जाते हैं. इस खास दिन पर ईटीवी भारत आपको राजधानी रायपुर में गणेश जी के एक ऐसे अनोखे मंदिर का दर्शन कराने जा रहा है. जो न केवल अद्भुत है, बल्कि यहां की मान्यताएं भी काफी प्रचलित हैं.
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भगवान गणेश की करें पूजा
भगवान गणेश की करें पूजा
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यहां है भगवान गणेश के 8 रूप:गणेश जी के 8 स्वरूप मुख्य रूप से माने जाते हैं. वहीं आठ स्वरूप मुख्य रूप से इस मंदिर में दर्शाए गए हैं. उनकी प्रतिमाओं के नीचे जिक्र भी किया गया है. जैसे वक्रतुंड, एकदंत, महोदर गजानंद, लंबोदर, विघ्नहर्ता, धूम्रवर्ण और विकट शामिल हैं. यह गजानंद जी के प्रथम 8 मुख्य रूप को दर्शाया गया है. इसके अलावा अंदर सिद्धिविनायक बैठे हुए हैं.
Last Updated : Mar 29, 2023, 6:39 PM IST