रायपुर: देश में ब्रेन ट्यूमर तेजी से बढ़ता जा रहा (Increase in brain tumor cases) है. देश के नेशनल हेल्थ प्रोग्राम की ओर से जारी एक रिपोर्ट की मानें तो बड़ों के मुकाबले बच्चों में यह बीमारी ज्यादा तेजी से बढ़ रही है. इस बीमारी के लक्षणों को अनदेखा करना हजारों बच्चों के अकाल मौत का कारण बन रहा है. वहीं, वयस्कों में होने वाले कैंसर में इसका प्रतिशत दो से तीन फीसदी है. बच्चों में यह आंकड़ा 26 फीसदी है. ब्रेन ट्यूमर के प्रति जागरूक होने के लिए हर साल 8 जून को वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे मनाया जाता (world brain tumor day 2022 ) है.
ऐसे विकसित होती है ब्रेन ट्यूमर:चिकित्सकों की मानें तो मानव शरीर के विभिन्न अंगों में होने वाले कैंसर में से 40 फीसदी कैंसर ब्रेन तक अपनी पहुंच बना लेते हैं. मस्तिष्क में जब असामान्य कोशिकाएं विकसित होने लगती हैं तो ब्रेन ट्यूमर का रूप ले लेती हैं. कोशिकाओं के विकास की गति ट्यूमर के प्रकार के अनुसार अलग-अलग होती है, लेकिन इस दौरान कई लक्षण व्यक्ति में नजर आते हैं. इन लक्षणों को अगर गंभीरता से लेकर समय पर चिकित्सक से सलाह ली जाए तो शुरुआती अवस्था में इसकी पहचान कर रोगी को बचाना संभव हो पाता है.
पहचान में देरी से हो सकती है मौत:जीवन शैली में आए परिवर्तन की वजह से ब्रेन ट्यूमर के अहम लक्षण सिरदर्द और याददाश्त का कमजोर होना जीवनशैली का हिस्सा बनते जा रहे हैं. आज के समय में ब्रेन ट्यूमर के उपचार में कई नवीन तकनीक आ रही है, इसके बावजूद रोग की पहचान समय पर ना होने के कारण रोगियों का मृत्युदर भी तेजी से बढ़ रहा है.
इन्हें ना करें अनदेखा:बच्चों और वयस्कों में इसके लक्षणों में काफी समानता है. इन लक्षणों में तेज या लगातार रहने वाला सिरदर्द, चलने में परेशानी, तालमेल में समस्या, मांसपेशियों में कमजोरी, रह-रहकर परेशानी होना, शरीर के एक तरफ कमजोरी या हाथों और पैरों की कमजोरी, चक्कर आना, उल्टी या मतली आना है. अगर ऐसा लक्षण पता चले तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
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युवाओं में बढ़ती परेशानी:50 वर्ष से ज्यादा की उम्र के सामने आने वाला ब्रेन ट्यूमर अब युवा अवस्था में भी में तेजी से सामने आ रहा है. 30 से 40 की उम्र में भी हजारों रोगी इसका उपचार ले रहे हैं. छोटी उम्र में तेजी से बढ़ते मामलों को लेकर मेडिकल साइंस में कई रिसर्च हुई हैं, लेकिन अभी तक इसके कारणों का पता नहीं लग पाया है. कई शोध में पाया गया है कि मोबाइल का अधिक उपयोग और रेडिएशन एक्सपोजर के कारण मस्तिष्क पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. जिससे व्यक्ति के व्यवहार में कई तरह के परिवर्तन सामने आते हैं.
80 फीसद रोगियों का समय पर नहीं होता उपचार:ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों की अनदेखी और समय पर पहचान ना होने के कारण 80 फीसदी से ज्यादा रोगी ट्यूमर के पूरी तरह से बढ़ जाने के बाद न्यूरो एक्सपर्ट के पास आते हैं. एडवांस स्टेज में ट्यूमर की पहचान होने पर उसे तुरंत प्रभाव से ऑपरेशन के जरिए उपचार दिया जाता है. ऐसे में अगर आपको बताए गए लक्षणों के बारे में पता चलता है तो तुरंत प्रभाव से डॉक्टर के पास जाएं और इलाज करवाएं