रायपुर:कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच लॉकडाउन के चलते एक ओर जहां अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है, तो वहीं रोजाना मेहनत कर परिवार चलाने वाले मजदूरों को जिंदगी चलाना भी मुश्किल हो रहा है. सबसे ज्यादा परेशानी हर रोज कमाने वालों और खाने वालों को हो रही है. ETV भारत की टीम ने जब इनका हाल जाना तो आंसू छलक आए.
21 दिनों के लॉकडाउन ने गरीबों की आंखों से निकाले आंसू सुनसान हुआ लेबर चौड़ी बाजार
रायपुर का तेलीबांधा स्थित लेबर चौड़ी बाजार इन दिनों सूना पड़ा हुआ है. हमेशा मजदूरों से भरे इस चौड़ी बाजार में आज सन्नाटा पसरा हुआ है.लॉकडाउन के पहले चौड़ी बाजार हमेशा मजदूरों से भरा रहता था, आसपास के गांवों और पूरे रायपुर के मजदूर यहां रोजगार की तलाश में आते थे, लेकिन लॉकडाउन के बाद चौड़ी बाजार पूरी तरह सूनसान हो गया है.
ETV भारत के सामने मजदूरों का छलका दर्द
ETV भारत ने बाजार के पास रह रहे मजदूरों का हालचाल जाना तो उनका दर्द छलक उठा और आंखों से आंसू निकल आए. मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन के चलते उनकी आमदनी पूरी तरह से खत्म हो गई है, और उनके सामने आमदनी का कोई दूसरा साधन भी नहीं हैं.जिससे परिवार चलाने में काफी परेशानी हो रही है, गरीब मजदूर महिला ने रोते हुए कहा कि इतने लंबे दिनों तक कैसे परिवार का पेट पाले.
मजदूरों ने कहा कि राशन में चावल मिल रहा है लेकिन दाल-तेल भाजी खरीदने के लिए पैसे नहीं है, परिवार में छोटे-छोटे बच्चे हैं और बाकी सामानों की व्यवस्था करने में दिक्कतें हो रही है.
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के बीच श्रम विभाग ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है जिससे मजदूरों की मदद की जा रही है, आंकड़ों के मुताबिक प्रदेशभर में अब तक-
- श्रमिक हेल्पलाइन नम्बर में 6216 कॉल आए.
- 18 हजार 56 श्रमिकों को राशन बांटा गया.
- अब तक पूरे प्रदेश में 30 हजार 369 किलो राशन बांटा.
- प्रदेश में 24 हजार 768 श्रमिकों को एडवांस सैलेरी दी गई .
- श्रमिकों के लिए प्रदेश में 367 रिलीफ कैप बनाए गए है, जहां 9967 मजदूरों को रखा गया है.