बागेश्वर सरकार के बयान पर जताई आपत्ति रायपुर:बागेश्वर धाम के महाराज द्नारा महिलाओं के पहनावे पर की गई टिप्पणी विवादों के घेरे में आ गई है. राजधानी रायपुर की महिलाओं का कहना है कि "महिलाओं को कपड़े पहनने की स्वतंत्रता है , चाहे वह कैसा भी कपड़ा पहने." हालांकि यह जरूर महिलाएं कहते नजर आई कि कपड़े ऐसे होने चाहिए, जिससे महिलाओं का तन ढंका हो. लेकिन धीरेंद्र शास्त्री के की तरफ से कम कपड़े पहनने वाली महिलाओं की तुलना भैंस से करने पर उन्होंने आपत्ति जताई है.
पहनावे को लेकर महाराज के बयान को ठहराया अनुचित: रायपुर की महिलाओं का कहना है कि "यह उचित नहीं है. इस तरह का बयान महाराज को नहीं देना चाहिए. साड़ी महिलाओं के लिए अच्छी पोशाक है, सलवार सूट भी अच्छा है, जिससे तन ढंका रहता है. यह बात सही है कि बच्चों को मां का आंचल नहीं मिल रहा है. कुछ मां तो ऐसी हैं, जो बच्चों को गोदी में लेना भी पसंद नहीं करतीं हैं. जबकि मां के बच्चे को गोद में लेने से बच्चों को मां की गर्मी मिलती है. जिससे बच्चे का ग्रोथ होता है, यह अलग बात है. लेकिन अन्य पहनावे को लेकर इस तरह के बयान नहीं आने चाहिए."
भैंस से की थी महिलाओं की तुलना: राजधानी रायपुर में रामकथा के दौरान बागेश्वर धाम के कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने महिलाओं के माॅडर्न पहनावे को लेकर कटाक्ष किया. उन्हेंने महिलाओं के जींस टीशर्ट पहनने को संस्कृति के विपरीत बताया. इतना ही नहीं कम कपड़े पहनने वाली महिलाओं की तुलना भैंस से कर डाली. रामकथा के दौरान धीरेंद्र शास्त्री अपने बचपन का किस्सा सुना रहे थे.
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पाठ्यक्रम में रामचरितमानस को शामिल करने की मांग पर भी मचा घमासान: बागेश्वर धाम सरकार ने छत्तीसगढ़ के पाठ्यक्रम में रामचरितमानस को शामिल करने की मांग रखी है. जिसके बाद भाजपा ने इस मांग का स्वागत किया है. वहीं शिवसेना ने भी धीरेंद्र शास्त्री की मांग का स्वागत किया है. हालांकि कांग्रेस का कहना है कि "शायद बागेश्वर धाम वालों को पता नहीं कि यहां पहले से ही रामचरितमानस का एक हिस्सा पाठ्यक्रम में शामिल है, जिसे हम लोग बचपन से पढ़ते आ रहे हैं. कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए राम के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया है.