रायपुर:कोरोना वायरस का असर अब त्योहारों पर भी दिखने लगा है. राखी हो या ईद सभी त्योहार इस बार फीकी नजर आ रही है. लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. रविवार को प्रदेशभर में हलषष्ठी का त्योहार मनाया गया. हर साल महिलाएं बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर हल षष्ठी माता की पूजा करती हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. महिलाओं ने अपने-अपने घरों में ही पूजा की है.
माताओं ने की कमरछठ की पूजा पूजा करने आई प्रियंका बताती हैं कि हर बार के मुकाबले इस बार त्योहार की रौनक काफी कम रही. सभी ने अपने-अपने घरों में ही पूजा की, लेकिन फिर भी यह कह सकते हैं कि कम लोगों में पूजा ढंग से हुई. कोरोना वायरस के मद्देनजर हर बार की तरह इस बार महिलाएं इकट्ठा नहीं हो पाईं.
SPECIAL: संतान की दीर्घायु का पर्व कमरछठ, इस दिन महिलाएं सगरी कुंड बनाकर करती हैं पूजा अर्चना
घरों में ही रहकर की पूजा: पुष्पा
श्रद्धालुओं में पुष्पा पांडेय ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण इस बार वे सभी कहीं नहीं गए. हर साल वे पूजा करने के लिए बाहर जाती थीं. बहुत सारे लोग इकट्ठे होकर पूजा करती थीं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया है. इस बार वे अपने ही घर पर पूजा कर रही हैं. संगीता ने बताया कि उन्होंने अपने आस पड़ोस में ही दो-तीन लोगों के साथ मिलकर पूजा की हैं. हर बार वे बाहर जाते थे और वहां पर कई महिलाओं के साथ पूजा करते थे.
घरों में ही मनाएं त्योहार: प्रिया
प्रिया मिश्रा ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण इस बार त्योहारों में ज्यादा लोग पूजा में शामिल नहीं हुए. 'यह मेरी पहली हलषष्ठी की पूजा है. मैं सभी से यहीं कहूंगी कि सभी सुरक्षित रहकर अपने घरों में ही सारे त्योहार मनाएं.'