रायपुर:तीजा-पोला पर्व को लेकर पंचायतों की ओर से कराई जा रही मुनादी को लेकर महिलाओं में गुस्सा है. बीते कुछ दिनों से कई ग्राम पंचायतों ने तीजा-पोला में बेटियों के गांव में आने और बहू के मायके जाने के रोक संबंधित मुनादी कराई जा रही है. इस तरह की भ्रामक प्रचार से महिलाएं डरी हुई हैं.
कुछ दिनों बाद तीजा-पोला का पर्व आने वाला है, जिसका इंतजार महिलाओं को साल भर से रहता है, लेकिन क्षेत्र के कई ग्राम पंचायतों के सदस्य मीटिंग लेकर निर्णय ले रहे हैं कि इस बार गांव की महिलाएं इस पर्व पर गांव से बाहर नहीं जाएंगी और न ही बेटियां त्योहार मनाने आ पाएंगी. पंचायत का मानना है कि इससे कोरोना वायरस फैलने का डर बढ़ जाएगा. वहीं महिलाएं पंचायत के इस फैसले से नाराज हैं.
पंचायत की मनमानी करना गलत है
ग्रामीणों का कहना है कि अगर इस संबंध में शासन का कोई आदेश होता तो, पंचायत को इस तरह की मुनादी का अधिकार होता. साथ ही उस दौरान नियम को नहीं मानने पर उनके क्वॉरेंटाइन की जवाबदारी भी पंचायत की होती, लेकिन बिना किसी आदेश के सीधे तौर पर पंचायत मनमानी करते हुए पाबंदी लगा रहे हैं, जो कि गलत है.
कोरोना से जागरूक करने की जरूरत, न की भ्रामक मुनादी की
कोरोना की वजह से प्रशासन जहां हर संभव प्रयास कर रहा है, वहीं कई ग्राम पंचायत लापरवाही भी कर रही है. गांवों में फेरी लगाने वाले, चार पहिए वाहन पर सब्जी बेचने आने वाले कोचियों सहित बाहरी व्यक्तियों के गांव में सामान बेचने वालों से मास्क लगाने और सुरक्षा के दूसरे उपाय करने की बात पंचायत की ओर से नहीं कर रही है, लेकिन महिलाओं के आने-जाने पर पूरा पंचायत एकजुट होकर रोक लगाने में जुटे हैं. क्षेत्र के अधिकतर पंचायत केवल ग्रामीणों में मास्क वितरण कर रही है. ग्रामीणों का कहना है कि पंचायतों को कोरोना को लेकर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है, न कि भ्रामक मुनादी कराने की.