रायपुर: सूरजपुर जिले का प्रतापपुर वन परिक्षेत्र हाथियों की कब्रगाह बनता जा रहा है. इन फॉरेस्ट रेंज में तीसरे दिन एक और हथिनी का शव मिला है, जिसने न सिर्फ वन विभाग के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं बल्कि वन्य प्राणी प्रेमियों को भी परेशान कर दिया है. छत्तीसगढ़ के वन्य प्राणी प्रेमी नितिन सिंघवी ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
छत्तीसगढ़ में गुरुवार को तीसरे दिन लगातार तीसरी हथिनी का शव मिला तो हड़कंप मच गया. एक ही क्षेत्र में ही 3 हाथियों की मौत ने वन विभाग के ओर से किए जा रहे हैं तमाम तरह के दावों की पोल खोल कर रख दी है. लिहाजा वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठना लाजिमी है. विभाग ने दूषित पानी से मौत की आशंका जताई जरूर जताई है लेकिन वन्य प्राणी प्रेमी नितिन सिंघवी कहते हैं कि विभाग के पास मॉनिटरिंग की कमी है मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है.
'वन विभाग के पास नहीं है कोई एक्सपर्ट'
सिंघवी ने आरोप लगाया कि वन विभाग साइंटिफिक तरीके से काम नहीं कर रहा है और लापरवाही बरत रहा है. जिसकी वजह से अब तक हथिनियों की मौत के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है. वे आशंका जता रहे हैं कि अगर जल्द ही मौत की वजह पता नहीं चली तो कहीं और हाथियों को अपनी जान गंवानी न पड़ जाए.
एक महीने में चौथा शव