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आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है 'रेडियो', नहीं खत्म हुई है दीवानगी

13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाया जाता है. इस साल विश्व रेडियो दिवस 2020 का विषय "रेडियो और विविधता" है.

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Published : Feb 13, 2020, 3:23 PM IST

Updated : Feb 13, 2020, 4:44 PM IST

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रायपुर: मनोरंजन के साथ समूचे देश को एक सूत्र में बांधने में रेडियो की भूमिका बेहद ही अहम रही है. रेडियो से हम सब की बचपन की यादें जुड़ी हैं. वह दौर था जब रेडियो के बिना लोगों के दिन की शुरुआत नहीं होती थी, लेकिन आज भी इसके दीवानों की कम नहीं है. विविध भारती का पंचरंगी प्रोग्राम हो या हो रेडियो की बीनाका गीतमाला हर कार्यक्रम संदेशों की सूरत में दिल को छुआ करता था. आज टेलीविजन और मोबाइल जैसे उपकरण आने के बाद रेडियो का पहले जैसा इस्तेमाल नहीं हो रहा है, लेकिन अब भी इसका महत्व कम नहीं हुआ है.

आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है 'रेडियो'

हर साल 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाया जाता है. 29 सितंबर 2011 को इसकी शुरुआत हुई थी. जमाना भले ही स्मार्टफोन्स का हो लेकिन रेडियो के लिए लोगों की दीवानगी आज भी कम नहीं हुई है. रेडियो शिक्षित करने और जानकारी प्रदान करने का एक माध्यम है. यह संस्कृतियों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने में भी मदद करता है.

क्या है इस दिन का महत्व

विश्व रेडियो दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य जनता और मीडिया के बीच रेडियो के महत्व को बढ़ाने के लिए जागरूकता फैलाना है. यह निर्णयकर्ताओं को रेडियो के माध्यम से सूचनाओं की स्थापना और जानकारी प्रदान करने, नेटवर्किंग बढ़ाने और प्रसारकों के बीच एक प्रकार का अंतर्राष्ट्रीय सहयोग प्रदान करने के लिए भी प्रोत्साहित करता है.

क्या है 2020 का थीम

विश्व रेडियो दिवस 2020 का विषय "रेडियो और विविधता" है. इस बार का थीम विविधता और बहुभाषावाद पर केंद्रित है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि रेडियो सबसे सुलभ मिडिया है. इसे दुनिया के किसी भी जगह से सुना जा सकता है. जो लोग सही से पढ़ना लिखना नहीं जानते हैं, रेडियो के जरिये जानकारी प्राप्त कर लेते हैं.

आइए आज रेडियो दिवस के अवसर पर इससे जुड़ीं कुछ खास बातें जानते हैं-

'वर्ल्ड रेडियो डे' का इतिहास

यूनेस्को के कार्यकारी बोर्ड ने जनरल कॉन्फ्रेंस को विश्व रेडियो दिवस की घोषणा करने की सिफारिश की थी. 2011 में, यूनेस्को ने एक व्यापक परामर्श प्रक्रिया की और यह स्पेन द्वारा भी प्रस्तावित है. एकेडेमिया एस्पानोला डी ला रेडियो के प्रोजेक्ट लीडर को कई हितधारकों से समर्थन प्राप्त हुआ, जिसमें प्रमुख अंतरराष्ट्रीय ब्रॉडकास्टर और ब्रॉडकास्टिंग यूनियन और एसोसिएशन शामिल हैं. 1946 में आखिरकार संयुक्त राष्ट्र रेडियो ने पहला कॉल साइन ट्रांसमिट किया. यूनेस्को के 36वें सत्र ने 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने औपचारिक रूप से 14 जनवरी 2013 को यूनेस्को के विश्व रेडियो दिवस की घोषणा का समर्थन किया. संयुक्त राष्ट्र महासभा के 67वें सत्र में 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस के रूप में घोषित करने के लिए एक संकल्प अपनाया गया और इसी प्रकार 13 फरवरी को हर साल विश्व रेडियो दिवस मनाया जाने लगा.

पहला रेडियो स्टेशन

  • 1918 में ली द फोरेस्ट ने न्यू यॉर्क के हाईब्रिज इलाके में दुनिया का पहला रेडियो स्टेशन शुरु किया। पर कुछ दिनों बाद ही पुलिस को ख़बर लग गई और रेडियो स्टेशन बंद करा दिया गया.
  • एक साल बाद ली द फोरेस्ट ने 1919 में सैन फ्रैंसिस्को में एक और रेडियो स्टेशन शुरु कर दिया.
  • नवंबर 1920 में नौसेना के रेडियो विभाग में काम कर चुके फ्रैंक कॉनार्ड को दुनिया में पहली बार क़ानूनी तौर पर रेडियो स्टेशन शुरु करने की अनुमति मिली.
  • कुछ ही सालों में देखते ही देखते दुनिया भर में सैकड़ों रेडियो स्टेशनों ने काम करना शुरु कर दिया.
  • रेडियो में विज्ञापन की शुरुआत 1923 में हुई। इसके बाद ब्रिटेन में बीबीसी और अमरीका में सीबीएस और एनबीसी जैसे सरकारी रेडियो स्टेशनों की शुरुआत हुई.
  • नवंबर 1941 को सुभाष चंद्र बोस ने रेडियो जर्मनी से भारतवासियों को संबोधित किया.
Last Updated : Feb 13, 2020, 4:44 PM IST

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