रायपुर:स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव सोमवार की शाम अचानक दिल्ली रवाना हुए और उसके बाद मंगलवार की रात रायपुर लौट आए. उनकी यह यात्रा कहीं ना कहीं ढाई ढाई साल के फॉर्मूले और कप्तान परिवर्तन को लेकर चर्चा में रही. सोमवार को जाते समय भी सिंहदेव ने मीडिया से दूरी बना रखी थी और जब मंगलवार की देर शाम वापस रायपुर लौटे तो उस दौरान भी उन्होंने ज्यादा कुछ नहीं कहा. रायपुर लौटने के बाद सिंहदेव ने सिर्फ धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने की बात कही. इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी दिल्ली में किसी भी बड़े नेता से मुलाकात नहीं हुई है.
सिंहदेव के बयान के राजनीति मायने
हालांकि टीएस सिंहदेव दबी जुबान में यह जरूर कहते नजर आए कि उनके शुभचिंतकों ने उन्हें शांत रहने की सलाह दी है. बाबा का यह बयान कई मायनों में राजनीतिक समीकरणों की ओर इशारा करता है.वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी का मानना है कि हो ना हो वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए हाईकमान की ओर से बाबा को चुप रहने की नसीहत दी गई है. क्योंकि यदि वर्तमान परिस्थिति में छत्तीसगढ़ में ढाई ढाई साल के फॉर्मूले या फिर कप्तान बदलने को लेकर फिर से चर्चा होती है तो, इसका असर देश के अन्य राज्यों में भी पड़ सकता है. इससे कहीं न कहीं कांग्रेस पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है और हो सकता है इसी डैमेज कंट्रोल के लिए सिंहदेव को चुप्पी साधने की नसीहत हाईकमान की ओर से दी गई हो.