रायपुर: महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variants) की दस्तक के बाद छत्तीसगढ़ में कोरोना की तीसरी लहर (third wave of corona in Chhattisgarh) का खतरा बढ़ गया है. कोरोना के इस अटैक में ज्यादा खतरा छोटे बच्चों पर है. जिसे देखते हुए छत्तीसगढ़ का स्वास्थ्य महकमा सतर्क है. पूरे प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर कई अस्पतालों में पीडियाट्रिक वार्ड बनाना शुरू कर दिया गया है. ईटीवी भारत ने प्रदेश के रायपुर, बस्तर, सरगुजा, कोरबा और जशपुर जिले का जायजा लिया.
कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए क्या हैं इंतजाम रायपुर के हालात
बात रायपुर की करें, तों यहां कई अस्पतालों में स्पेशल पीडियाट्रिक वार्ड (pediatric ward) बनाया गया है. जिसमें ऑक्सीजन बेड के साथ साथ जनरल बेड की भी व्यवस्था की गई है. रायपुर के आर्युवेदिक कॉलेज में 100 ICU बेड और 400 ऑक्सीजन बेड तैयार किए गए हैं. वहीं जिला अस्पताल में 70 ICU बेड तैयार हैं. इसी तरह आयुष कॉलेज में 500 ऑक्सीजन बेड तैयार किए जा रहे हैं. वहीं आयुर्वेदिक कॉलेज में 60 बेड बिल्कुल रेडी हैं और 40 बेड 2 दिन में तैयार किए जा सकते हैं.
कितना तैयार है सरगुजा ?
सरगुजा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 20 बेड की व्यवस्था की गई है, जबकि 10 बेड बच्चों के आईसीयू के लिए रखे गए हैं. अस्पताल में फिलहाल 10 शिशु रोग विशेषज्ञ हैं और अभी 5 अन्य चाइल्ड स्पेशलिस्ट की व्यवस्था की जा रही है. यहां सिर्फ नए ऑक्सीजन प्लांट और कोविड एसएनसीयू का काम बचा हुआ है.
कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयार है बस्तर, जानें क्या है व्यवस्था ?
जशपुर में कोरोना के थर्ड वेव को लेकर क्या हैं इंतजाम ?
जशपुर में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारियां जोरों पर हैं. यहां सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एसएनसीयू वार्ड स्थापित किए जा रहे हैं. करीब 2 करोड़ से ज्यादा के बजट से मेडिकल वार्ड तैयार किए जा रहे हैं. जिले के 8 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 6 बेड एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 2 बिस्तर का एनआईसीयू स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. पूरे जिले में कुल 1270 बिस्तर की व्यवस्था की गई है. डेडीकेटेड कोविड अस्पताल में कुल 75 बिस्तर मौजूद हैं. जिसमें 9 आईसीयू बेड हैं जबकि 4 एचडीयू बिस्तर हैं. इसके अलावा ऑक्सीजन युक्त बेड की भी व्यवस्था की गई है.
बस्तर में कोरोना के तीसरे लहर से निपटने की तैयारी
बस्तर की बात करें तो यहां कोविड के थर्ड वेव से बचने के लिए कोविड अस्पताल (covid hospital) में बच्चों के लिए अलग से 30 बिस्तरों का वार्ड बनाया गया है. जिसमें 15 बेड पीडियाट्रिक होंगे. यहां शिशु रोग विशेषज्ञ की तैनाती की गई है. इसके अलावा 30 वेंटिलेटर बेड की व्यवस्था भी की गई है और बच्चों के लिए 15 ऑक्सीजन बेड का प्रबंध है. कोविड अस्पताल में 6 आईसीयू और 3 एनआईसीयू वार्ड के इंतजाम किए गए हैं. जरूरत पड़ने पर यहां बेड की व्यवस्था बढ़ाई जाएगी. डिमरापाल अस्पताल में 6 चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर हैं. बाकी खाली पदों पर नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए गए हैं. दवाइयों के भी स्टॉक तैयार किए जा रहे हैं.
कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर जशपुर में स्थापित होंगे SNCU
ऊर्जाधानी कोरबा में कैसी है व्यवस्था
ऊर्जाधानी कोरबा में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए जल्द बच्चों का कोविड अस्पताल तैयार किया जाएगा. बच्चों के डॉक्टरों की जिले में कमी है. स्वास्थ्य विभाग इस जंग के लिए निजी डॉक्टरों की मदद लेगा. निजी डॉक्टरों को लेकर सहमति बनाई गई है. स्वास्थ विभाग ने कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में मौजूद ट्रामा सेंटर को चाइल्ड कोविड अस्पताल के तौर पर संचालित करने की कार्य योजना तैयार की है. वर्तमान में यहां 10 वेंटिलेटर बेड तैयार हैं.
प्रदेश के इन पांच जिलों में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारियां जारी है. रायपुर, सरगुजा, जशपुर और जगदलपुर में हालात कुल मिलाकर ठीक है. लेकिन कोरबा की स्थिति थोड़ी चिंतजानक है. उम्मीद है जल्द ही यहां तीसरी लहर के अटैक से निपटने के लिए फूल प्रूफ प्लान बन जाएगा.