रायपुर: छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य के क्षेत्र में साल 2021 काफी उथल-पुथल भरा रहा है. 2021 की शुरुआत कोरोना वायरस के संक्रमण के संभावित खतरे से हुई और इसका अंत भी कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन (Variant Omicron) के साये के साथ हो रहा है. अप्रैल-2021 में कोविड संक्रमण तेजी से फैला और काफी लोगों की मौत भी हुई. छत्तीसगढ़ में कोरोने से बचने के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने पर जोर दिया गया, ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen Plant in Chhattisgarh) भी लगाए गए. कोरोना सेंटर्स के साथ ही रायपुर में बच्चों के लिए एक अलग से अस्पताल भी खोला गया. मेकाहारा में अलग से महिलाओं के लिए वॉर्ड भी बनाया गया. साल 2021 के आखिरी महीनों में कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी पड़ी. लेकिन साल के आखिरी महीने यानी दिसंबर में एक बार फिर ओमीक्रोन ने खतरे की घंटी बजा दी है. ऐसे में साल 2022 में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग के सामने कैसी चुनौतियां हैं? साल 2022 में स्वास्थ्य विभाग की कार्ययोजना क्या है? इन तमाम मसलों पर ईटीवी भारत ने स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव (Health Minister TS Singhdeo) से बातचीत की.
2022 पर फोकस
टीएस सिंहदेव ने साल 2022 की कार्ययोजना पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि अभी बहुत काम करना बाकी है. सरकारी कर्मचारियों, वृद्धजनों के लिए बहुत कुछ करना है. महिला समूह के ऋण माफी के संबंध में सोचेंगे. कई ऐसी घोषणाएं हैं, जो अभी हमको पूरी करनी है. सभी काम हमने साफ मन से किया है और आगे भी कोशिश करते रहेंगे. हम सारी बातों को चुनौती के बजाय जिम्मेदारी मानते हुए करेंगे.
रायपुर में स्पेशल चाइल्ड हॉस्पिटल
सिंहदेव ने बताया कि कोरोना काल के दौरान रायपुर के आयुर्वेदिक कॉलेज में कोविड केयर सेंटर बनाया गया. जब लगातार संक्रमित मरीजों की संख्या कम होने लगी तो उस अस्पताल को बच्चों के अस्पताल में कन्वर्ट कर दिया गया. 40 बेड के इस अस्पताल में 20 जनरल बेड और 20 ऑक्सीजन बेड है. इस हॉस्पिटल में किड्स जोन भी बनाया गया है ताकि बच्चों का मन बहलता रहे. वार्ड को अलग-अलग रंगों से भी रंगा गया है ताकि बच्चों को हॉस्पिटल जैसी फीलिंग ना हो.
कोरोना काल के दौरान छत्तीसगढ़ में बनाए गए ऑक्सीजन प्लांट
कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए छत्तीसगढ़ में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की बात हुई थी. प्रदेश में कुल 113 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने के आदेश जारी हुए हैं. इनमें से 76 प्लांट लगाए जा चुके हैं, जबकि 37 ऑक्सीजन प्लांट प्रोसेसिंग में है और जल्द लगाए जाएंगे. कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए गवर्नमेंट सेक्टर में वर्तमान में ऑक्सीजन बेड 6,859 और जनरल बेड 13,203 उपलब्ध हैं. छत्तीसगढ़ में करीब 1200 वेंटिलेटर बेड हैं.
काउंसलिंग और बॉण्ड को लेकर जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल
सिंहदेव ने बताया कि जूनियर डॉक्टरों की कुछ मांगों को मान लिया गया है. 11 दिसंबर से जूनियर डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी है. वे 27 नवंबर से अनिश्चितकालीन प्रदर्शन कर रहे थे. जूनियर डॉक्टरों की मांग थी कि काउंसलिंग जल्दी होनी चाहिए. पीजी करने के बाद 2 साल का बॉंड भरवाया जाता है. इसे खत्म कर 1 साल का किया जाए और मेडिकल कॉलेज में पोस्टिंग दी जाए.
छत्तीसगढ़ के लिए 2021 रहा चुनौतीपूर्ण
स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव (Health Minister TS Singhdeo) ने बताया कि यह साल बहुत चुनौतीपूर्ण था. पहली लहर के बाद दूसरी लहर ने हमें प्रभावित किया. अप्रैल-मई महीने और आज तक 13,970 से ज्यादा लोगों की मौत छत्तीसगढ़ में हुई है. अप्रैल-मई महीने में 9000 लोगों की जान गई. फिलहाल बीस-पच्चीस संक्रमित ही मिल रहे हैं, उस समय एक दिन में 15000 लोग संक्रमित मिल रहे थे. ऐसी परिस्थिति का हमें सामना करना पड़ा था.
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, कर्मचारी, नर्स, लैब टेक्नीशियन, असिस्टेंट, वार्डबॉय, वाहन चालक से लेकर सब लोगों ने एक तरीके से मोर्चा संभाला और सबसे ज्यादा संक्रमण जहां था, वहां डटे रहे और उसका सामना भी किया. बहुत लोगों की मदद भी की. नए वर्ष में आशा यही रखते हैं कि पहले से बेहतर परिस्थिति बने. कोरोना के केसेस आज भी काबू में नहीं है. लेकिन उम्मीद करेंगे कि नए साल में डॉक्टर्स कोरोना के इलाज का बेहतर तरीका विकसीत करेंगे.
सिंहदेव ने यह भी कहा कि अब हमें अनुभव हो गया है और कोरोना के साथ हमें जीना सीख लेना चाहिए. कोरोना के प्रोटोकॉल जैसे- हाथ साफ रखना, मास्क पहने रखना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते रहना है. छत्तीसगढ़ में करीब 95% लोगों को पहला डोज लग चुका है. अबतक पहला दूसरा डोज मिलाकर 3 करोड़ वैक्सीनेशन हो चुका है.