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Wedding special 2021: विवाह पंचमी के दिन हुआ था राम जानकी का विवाह, ये है मान्यताएं - ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा

विवाह पंचमी के दिन राम-जानकी का विवाह हुआ (ram janaki married day on vivah panchami) था. इस दिन कई लोग व्रत रखते हैं. आइए ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा (Astrologer and Vastu Shastri Pandit Vineet Sharma) से जानते हैं इस दिन से जुड़ी मान्यताओं के बारे में....

Wedding special 2021
विवाह स्पेशल 2021

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Published : Dec 6, 2021, 8:14 PM IST

रायपुर: श्री राम जानकी विवाह उत्सव विवाह पंचमी का पावन पर्व श्रवण नक्षत्र ध्रुव योग और मकर राशि के सहयोग में 8 दिसंबर बुधवार के दिन संपूर्ण भारत और नेपाल प्रदेश में मनाया जाएगा. यह उत्सव विशेषकर मिथिलांचल जनकपुर नेपाल और भारत वर्ष के उत्तरी राज्यों में विशेष तौर पर मनाया जाता है. यह मर्यादा पुरुषोत्तम मांधाता वंशज श्री राम चंद्र जी और माता जानकी के विवाह के वर्षगांठ के तौर पर विवाह पंचमी के रूप में मनाया जाता (Ram janaki married day on vivah panchami) है. मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को यह शुभ घड़ी प्रतिवर्ष आती है. इस दिन चंद्रमा शनि के साथ विद्यमान रहेगा. गुरु ग्रह भी शनि के ग्रह में ही स्थापित रहेंगे.

विवाह पंचमी के दिन हुआ था राम जानकी का विवाह

इसी दिन हुआ था राम जानकी विवाह

इस विषय में ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा (Astrologer and Vastu Shastri Pandit Vineet Sharma) ने बताया कि श्रवण में शनि युति राहु वेद भी है. मध्य रात्रि को रवि योग भी प्रारंभ हो रहा है. शुक्र ग्रह का पदार्पण 8 दिसंबर दोपहर को मकर राशि में हो जाएगा. इतने सारे सुंदर युगों में यह पर्व मनाया जाएगा. इस दिन प्रातः काल स्नान ध्यान से निवृत्त होकर श्री राम और जानकी जी का विवाह के उत्सव की तैयारी की जाती है.

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भगवान राम की होती है पूजा

घर और मंदिर को अच्छी तरह से सजाया जाता है. भगवान श्री राम और माता जाने की की संयुक्त रूप से पूजा की जाती है. राम दरबार की स्थापना विधान पूर्वक की जाती है. साथ ही माता जानकी और मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र जी का परिणय स्थापन विधि पूर्वक किया जाता है. दोनों की ही प्रतिमा को शुद्ध जल से निर्मल किया जाता है. सिंदूर, तिलक, चंदन, वंदन, कुमकुम आदि से श्रृंगार करने के उपरांत भगवान को धूप दीप नव वस्त्र आदि अर्पित किए जाते हैं.

इस विधि से करनी चाहिए पूजा

विवाह उत्सव में नवीन और शुद्ध माला का उपयोग करना चाहिए. यह माला विभिन्न रंगों की सात्विक एवं मर्यादित होनी चाहिए. आज के शुभ दिन रामचरितमानस बालकांड आदि का पाठ किया जाता है. राम भक्त हनुमान श्री हनुमान जी की पूजा भी इस दिन की जाती है. साथ ही हनुमान चालीसा बजरंग बाण सुंदरकांड का भी मनोयोग से पाठ करना चाहिए. रामचरितमानस के बालकांड के श्री राम विवाह से संबंधित श्लोकों का पाठ भक्ति भाव से करना चाहिए. आज के शुभ दिन श्रवण नक्षत्र का सुंदर योग बन रहा है. श्रवण पिता के सेवक के रूप में जाने जाते हैं. पितृ भक्त श्री रामचंद्र जी के विवाह उत्सव के दिन माता पिता की भी भरपूर सेवा करनी चाहिए. वृद्ध माता-पिता को भरपूर सम्मान और प्रेम दिया जाना चाहिए.

मिछिलांचल में धूमधाम से मनाई जाती है विवाह पंचमी

यह त्यौहार मुख्य रूप से बिहार पूर्वांचल मिथिलांचल और नेपाल में मनाते हैं. इस दिन उत्सव को मनाने के लिए अनेक स्थानों पर विवाह आदि कार्यक्रम निषेध होता है. ताकि प्रथम पूज्य श्री राम माता जानकी का विवाह उत्साह पूर्वक मनाया जा सके. अगहन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को धूमधाम से विवाह मनाया जाता है. यह पर्व 10 दिवसीय उत्सव के रूप में मनाया जाएगा. 3 दिसंबर सर्वार्थ सिद्धि योग को माता सीता को मेहंदी आदि लगाई जाएगी. 8 दिसंबर को बारात निकालने के पश्चात वरमाला के साथ उत्सव संपन्न होगा. इस दिन श्री राम सीता और लक्ष्मण जी की प्रतिमा का अलौकिक शृंगार किया जाएगा. पूजा-पाठ भजन कीर्तन विविध रस्में निभाई जाएंगी.

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