रायपुर: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर एक बार फिर केंद्र और राज्य सरकार में टकराव की स्थिति बन रही है. पिछली बार धान के समर्थन मूल्य तो इस साल बारदाने पर केंद्र और राज्य आमने-सामने आ सकते हैं. प्रदेश में एक दिसंबर से धान खरीदी होनी है लेकिन देरी को लेकर किसान नाराज हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और खाद्य मंत्री अमरजीत भगत का आरोप है कि केंद्र से बारदाना नहीं मिला है, जिसकी वजह से खरीदी में देरी हो रही है.
बारदाने पर आमने-सामने बीजेपी और बघेल सरकार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि धान खरीदी में देरी पर ओछी राजनीति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने ETV भारत की बारदाने वाली खबर पर मुहर लगाते हुए कहा कि केंद्र से बारदाना नहीं मिल रहा है. एक लाख बारदाने की गठान आने के बाद ही छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू की जाएगी. पूर्व सीएम रमन पर निशाना साधते हुए बघेल बोले कि उन्हें मुझसे ज्यादा खेती नहीं आती है. बघेल ने कहा कि बीजेपी किसानों को भड़का रही है.
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खाद्य मंत्री ने केंद्र सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि केंद्र ने धान खरीदी में लगने वाला बारदाना नहीं दिया है. जितना बारदाना देने का वादा केंद्र सरकार ने किया था, वो अभी तक नहीं मिला है इसलिए खरीदी में देरी हो रही है. (उन्होंने धान खरीदी की व्यवस्थाओं के बारे में भी बताया) भगत ने कहा कि सरकार प्रदेश में ही बारदाने की व्यवस्था कर रही है. उन्होंने कहा कि कुछ पुराने बारदाने, कुछ एफसीआई और कुछ राइस मिलर्स के सहयोग से 3 करोड़ के लगभग बारदाने का इंतजाम हो जाएगा. इससे एक दिसंबर से धान खरीदी शुरू हो जाएगी. खाद्य मंत्री ने कहा कि केंद्र ही बारदाना उपलब्ध कराता है. इस सिस्टम में राज्य सरकार सिर्फ एक एजेंसी के रूप में काम करती है.
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नेता प्रतिपक्ष का राज्य सरकार पर हमला
वहीं भाजपा ने बारदाने की कमी को सरकार का बहाना बताया है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि जितना बारदाना सरकार के पास है उससे धान खरीदी की शुरुआत की जा सकती है.