रायपुर: छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल को पेन अमेरिकन लिटरेरी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है. उन्हें यह सम्मान 2 मार्च को दिया जाएगा. विश्व साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान को लेकर उन्हें यह सम्मान प्रदान किया जा रहा है. शुक्ल पेन अमेरिका लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित होने वाले हिंदी भाषा के संभवतः पहले साहित्यकार हैं.
कई रचनाएं हुईं प्रकाशित :पिछले 50 सालों में उनकी कई काव्य रचना, कई उपन्यास प्रकाशित हुए हैं. उनमें 'नौकर की कमीज', 'दीवार में खिड़की रहती थी', 'खिलेगा तो देखेंगे', 'लगभग जय हिंद' जैसे कई नाम शामिल हैं.1937 में राजनांदगांव में जन्म लेने वाले विनोद कुमार ने जब किशोरावस्था में कविताएं लिखनी शुरू की.उनकी कविताओं और उपन्यासों में छत्तीसगढ़ी संस्कृति की भीनी-भीनी खुशबू मिलती है.
गद्य और पद्य के महारथी : विनोद कुमार शुक्ल रायपुर के रहने वाले हैं.उन्होंने हिंदी साहित्य में कई कविताएं और किताबें लिखी हैं.विनोद कुमार उतने ही बड़े कवि हैं, जितने बड़े वे उपन्यासकार हैं. गद्य और पद्य दोनों में पंडित विनोद कुमार शुक्ल की कोई सानी नहीं है. पिछले दिनों पंडित विनोद कुमार शुक्ल ने फेसबुक लाइव सेशन में बताया था कि वो किस तरह से लेखन करते हैं.