रायपुर:छत्तीसगढ़ में विद्या मितान संघ ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. विद्या मितान संघ नियमितिकरण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री निवास तक रैली निकालने की तैयारी में है. शनिवार 21 नवंबर को विद्या मितान संघ नियमितिकरण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री निवास तक रैली निकालेगा. संघ 27 अक्टूबर से अलग-अलग तरीकों से धरना प्रदर्शन कर रहा है. बावजूद इसके सरकार इनकी मांग पर विचार नहीं कर रही है.
विद्या मितान संघ का घरना प्रदर्शन विद्या मितान संघ अब मुख्यमंत्री निवास तक रैली निकालकर प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहा है. इसके पहले भी 11 नवंबर को विद्या मितान संघ धरना स्थल से मुख्यमंत्री निवास तक महारैली निकालने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस ने इनकी रैली को धरना स्थल पर ही रोक दिया था. विद्या मितान संघ की नियमितीकरण को लेकर एक सूत्रीय मांग है.
विद्या मितान संघ की नियमितिकरण की मांग को लेकर प्रदर्शन CM निवास घेरने निकले विद्या मितानों को पुलिस ने रोका, महारैली हुई स्थगित
विद्या मितान संघ के प्रदर्शन का 25 वां दिन
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में सरकार बनते ही विद्या मितानों को नियमित करने का वादा किया था, लेकिन सरकार बनने के 2 साल बाद भी इनको नियमित नहीं किया गया है, जिसके विरोध में अब लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है. पिछली बार विद्या मितान के प्रदर्शन को सरकार ने जूस पिलाकर तोड़ा था. विद्या मितान संघ के प्रदर्शन का शुक्रवार को 25 वां दिन है.
मुख्यमंत्री निवास तक रैली निकालने की तैयारी नियमितीकरण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर विद्या मितान
धरना स्थल पर 27 अक्टूबर से विद्या मितान संघ कर रहा है प्रदर्शन
राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर 27 अक्टूबर से विद्या मितान संघ अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार इनकी मांग को सुन नहीं रही है, जिसके कारण विद्या मितान पिछले 25 दिनों से अलग-अलग तरीकों से प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार से अपनी बात मनवाने के लिए मुंडन होकर, भीख मांग कर, करवा चौथ का उपवास और सिर पर काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहे हैं. बावजूद इसके सरकार ने इनकी अब तक कोई सुध नहीं ली है.
प्रदेश के 2516 विद्या मितान पिछले 8 महीने से हो गए हैं बेरोजगार
बता दें कि छत्तीसगढ़ में लगभग 2 हजार 516 विद्या मितान हैं, जो वर्ष 2016 से प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे थे. कक्षा नवमी से लेकर कक्षा बारहवीं तक के बच्चों को पढ़ाने का काम करते थे, लेकिन पिछले 8 महीने से सरकार ने इन्हें शासकीय स्कूलों से निकाल दिया है. विद्या मितान की आर्थिक स्थिति भी गड़बड़ा गई है. अब इनके सामने रोजी रोटी के संकट के साथ ही परिवार का पालन पोषण करना भी मुश्किल हो गया है.