रायपुर : स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ नींद का होना एक अनिवार्य अंग है. यदि किसी व्यक्ति की नींद पूरी नहीं होती है, तो दिन भर चिड़चिड़ापन, झल्लाहट, धैर्य की कमी, गुस्सैल होना जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं. नींद का संबंध शरीर के साथ गहन रूप से वास्तु शास्त्र से जुड़ा है. शयन करने वाले बिस्तर को सदैव पूर्व की दीवार से या दक्षिण की दीवार से सटाकर रखना चाहिए. सोने वाले जातक को सदा पूर्व की ओर या दक्षिण की ओर सिर रखकर शयन करना चाहिए, जिससे नींद अच्छी तरह से आ सके. नींद हमारे शारीरिक ढांचे का प्रमुख अवयव है. नींद का पूरा होना और गहरा होना बहुत ही आवश्यक है. नींद 5 घंटे की ही आए परंतु उसमें गहराई होनी चाहिए.
गहरी नींद से आता है सुकून :ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "गहरी नींद हमें सुकून शांति और स्थायित्व प्रदान करती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार बेडरूम में बड़े-बड़े दर्पण मिरर आदि लगाने से भी निद्रा में खलल और बाधा आती है. बेडरूम में दर्पण को बिस्तर के ठीक सामने नहीं होना चाहिए वास्तु शास्त्र के अनुसार सभी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को रूम के बाहर रख देना चाहिए.''
''खासकर सोते समय इसका पालन करना बहुत ही आवश्यक है. कई बार मोबाइल टीवी और लैपटॉप के अनावश्यक प्रयोग से मस्तिष्क को शांति नहीं मिल पाती है, और वह सोने में अपने आप को असमर्थ पाता है. शयन करने के पहले वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व दिशा या उत्तर दिशा की ओर मुख करके श्री गायत्री मंत्र का पाठ करने से भी विशुद्ध और गहरी नींद आती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार बेडरूम में अनावश्यक तड़क-भड़क चकाचौंध नहीं रहनी चाहिए."
बेडरूम में करें अच्छे रंगों का चयन : ज्योतिष एवं वास्तु विद पंडित विनीत शर्मा के मुताबिक "बेडरूम सहज सरल और सौम्य रंगों से युक्त होना चाहिए. कई बार डार्क रंग भी हमारी नींद को प्रभावित कर जाते हैं. बिस्तर के नीचे अनावश्यक सामान के संग्रहण से भी बचना चाहिए. बेड के नीचे उपयोगी और सकारात्मक वस्तुओं को रखना चाहिए. इस पर कोई भी नकारात्मक उर्जा उत्पन्न ना होने पाए. वास्तु शास्त्र के अनुसार बेडरूम के रंगों का चयन बहुत सावधानीपूर्वक करना चाहिए. यह कुंडली के अध्ययन करने के उपरांत ही निर्णय लेना चाहिए.''