रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission ) ने नगरीय निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. प्रदेश में 10 जिलों के 15 नगरीय निकायों में चुनाव होने हैं. 20 दिसंबर को मतदान और 23 को इसकी मतगणना होगी. इन तारीखों के ऐलान होते ही छत्तीसगढ़ में राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं. खासतौर पर यहां के प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही इस चुनाव को लेकर तैयारी तेज कर दी है.
कांग्रेस और भाजपा दोनों कर रहे अपनी अपनी जीत का दावा Chhattisgarh Urban Body Election: 20 दिसंबर को नगरीय निकाय चुनाव के लिए मतदान, तीन वीआईपी नगर निगम पर टिकीं नजरें
25 नवंबर को कांग्रेस ने बुलाई महत्वपूर्ण बैठक
आसन्न नगर निकाय चुनाव को देखते हुए कांग्रेस ने 25 नवंबर को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है. इसमें कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया (PL Punia), मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम (Mohan Markam) सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी मौजूद रहेंगे. वहीं भाजपा भी इस चुनाव को लेकर रणनीति बनाने में जुट गई है. संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही भाजपा की ओर से भी चुनाव के पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिये जाएंगे. हालांकि इस बीच दोनों ही राजनीतिक दलों ने इस चुनाव में अपनी-अपनी जीत के दावे किये हैं.
15 नगर निकायों में होगी कांग्रेस की जीत : शुक्ला
कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने बताया कि कांग्रेस (Congress) ने इस नगरी निकाय चुनाव को लेकर तैयारी पूरी कर ली है. उन्होंने दावा किया है कि कांग्रेस नगरी निकाय चुनाव में 15 नगर निकायों में जीत हासिल करेगी. चुनाव को लेकर 25 नवंबर को महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है. इसमें कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम सहित कई वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे.
छत्तीसगढ़ का भविष्य तय करेगा यह चुनाव : श्रीवास
इधर, भाजपा (BJP) के प्रदेश प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास (Gaurishankar Srivas) ने बताया कि भाजपा संगठन के लिहाज से यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण है. यह चुनाव छत्तीसगढ़ का भविष्य (future of chhattisgarh) तय करने वाला चुनाव होगा. इस दौरान भाजपा जनता के बीच कई विषयों को लेकर जाएगी. कांग्रेस सरकार के 3 साल की कारगुजारियों को भाजपा कार्यकर्ता जनता के बीच रखेंगे. इसमें कांग्रेस के नेताओं की गुंडागर्दी का इतिहास, जमीन पर कब्जा, रेत और कोयले की दलाली, बिगड़ती कानून व्यवस्था और कांग्रेस द्वारा चुनावी घोषणा पत्र में किये वादों को पूरा न करने जैसे कई विषय शामिल होंगे. जिन नगरीय निकाय क्षेत्रों में चुनाव होने हैं, वहां सभी विकास कार्य अवरुद्ध हैं.
दोनों दल कर रहे अपनी-अपनी जीत का दावा
बता दें कि नगरी निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान होते दोनों प्रमुख राजनीतिक दल अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. अब देखने वाली बात होगी कि निकाय चुनाव (Chhattisgarh Urban Body Polls) में वे अपने दावों पर कितने खरे उतर पाते हैं. हालांकि उनके भाग्य का फैसला इन क्षेत्रों में रहने वाले मतदाता ही करेंगे.