रायपुर: संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा 2021 का रिजल्ट (UPSC result 2021) घोषित कर दिया गया है.इस बार छत्तीसगढ़ के रहने वाले बेटे बेटियों ने इस परीक्षा में शानदार सफलता अर्जित की है. छत्तीसगढ़ से 11 से ज्यादा छात्रों ने यूपीएससी की परीक्षा में अपना परचम लहराया है. रायपुर की श्रद्धा शुक्ला ने यूपीएससी परीक्षा 2021 में 45वीं रैंक हासिल कर सबसे बड़ी सफलता अर्जित की है. उनका आईएएस बनना ( Students of Chhattisgarh achieved success in UPSC 2021) तय है. श्रद्धा शुक्ला कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला की बेटी हैं.
"रायपुर में भी तैयारी कर सफलता हासिल की जा सकती है": यूपीएससी परीक्षा में छत्तीसगढ़ ( students of Chhattisgarh got success in UPSC) की श्रद्धा शुक्ला ने 45वां रैंक हासिल किया. उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि रायपुर में भी रहकर तैयारी की जा सकती है और सफलता हासिल की जा सकती है. इसके लिए तो सबसे जरुरी है कि, आपका मन क्या कहता है. वह जरूरी है. मुझे कभी भी यह जरूरत महसूस नहीं हुई कि मुझे यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली जाना चाहिए. घर के लोगों ने भी कहा कि दिल्ली जाकर तैयारी करो. रायपुर में भी किसी तरह के संसाधनों की कमी नहीं है. आप रायपुर में रहकर भी अपनी तैयारी कर सकते हैं. जिन्हें लगता है कि दिल्ली जाकर तैयारी करनी चाहिए तो वहां जाकर तैयारी करें. अगर आपको लगता है कि आप रायपुर में रहकर तैयारी कर सकते हैं तो रायपुर तैयारी के काफी अच्छा है. यहां काफी अवसर है. यहां लोग बहुत अच्छे हैं और सब आपकी मदद करेंगे. यहां भीड़ कम है. कॉम्प्टीशन उतना नहीं है. आप यहां पर रहकर आसानी से तैयारी कर सकते हैं. दिल्ली में देशभर के लोग तैयारी करने पहुंचते हैं. वहां भीड़ ज्यादा है तो ऐसे में स्ट्रेस भी बढ़ता है. मुझे लगता है कि यूपीएससी की तैयारी करने के लिए रायपुर बेस्ट है
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अक्षय ने चौथी बार में हासिल की सफलता: रायपुर के अक्षय पिल्लै ने भी यूपीएससी में सफलता हासिल की है. उन्होंने 51वीं रैंक हासिल की है. अक्षय पिल्लै आईएएस रेणु पिल्लै के बेटे हैं. अक्षय ने चौथी बार में यूपीएससी एग्जाम क्लियर किया है. रायपुर एनआईटी से उन्होंने बीटेक मैकेनिकल किया है. वह 2017 बैच के पास आउट हैं. अक्षय ने बताया कि जिस हिसाब से उनकी रैंक आई है उन्हें आईएएस अलॉट हो जाएगा. उन्होंने छत्तीसगढ़ कैडर को ही अपनी पहली प्राथमिकता दी है. अक्षय ने कहा कि जब वह परीक्षा में विफल होते थे तो, उस दौरान मम्मी पापा और बहन का सपोर्ट मिलता था.