रायपुर: पुलिस घटना के बाद से ही दावा कर रही थी कि दोनों ने एक दूसरे पर हमला किया होगा. या तो युवती की हत्या के बाद युवक ने खुद आत्महत्या कर ली होगी. यदि पुलिस के दावे सच हैं तो मनोचिकित्सक इस मामले को किस तरह से देखते हैं और पीएम रिपोर्ट क्या कहती है. आइये जानने की कोशिश करते हैं.
पीएम रिपोर्ट को लेकर क्या कहते हैं अफसर: टिकरापारा थाना प्रभारी अमित बेरिया कहते हैं कि "अंडर इन्वेस्टिगेशन पीएम रिपोर्ट मिला है. उस पर डॉक्टर ने एंटी मार्टम नेचर लिखा है. जिसका मतलब होता है अधिक खून बहने से मौत. यानी कि दोनों ने चाकू से एक दूसरे पर वार किए और घायल हुए. जिससे अतिरिक्त खून बहने से दोनों की मौत हुई है. डॉक्टर ने नेचर में यह लिखा है. रिपोर्ट के मुताबिक उसमें 6 सैंपल हमको बिसरा जप्त करने के लिए दिए गए हैं. चाकू दिया है, जिसको कल हम एफएसएल को दे रहे हैं. संबंधित जहर, नशे की जानकारी एफएसएल रिपोर्ट आने पर प्राप्त होगी. उसके बाद आगे कार्रवाई की जाएगी."
नार्को टेस्ट की मांग:थाना प्रभारी अमित बेरिया कहते हैं कि "नार्को के लिए परिजनों ने मांग की थी. उस बेस पर हमने सीजीएम में सोमवार को आवेदन प्रस्तुत किया, लेकिन न्यायालय ने उसे रख लिया है. कल विचार करने के बाद ही उस पर क्लीयर होगा कि नारको की अनुमति देते हैं या नहीं. फैसला टालने के पीछे का कारण यह है कि कोई भी मजिस्ट्रेट या अधिकारी किसी भी चीज में डिसीजन लेने से पहले अपने सीनियर या वरिष्ठ से सलाह लेते हैं."
हालांकि ईटीवी भारत को जानकारी मिली है कि पुलिस ने सीजीएम भूपेंद्र कुमार वासनीकर की कोर्ट में आवेदन लगाया. लेकिन मृतक कहकशा के परिजन कोर्ट नहीं पहुंचे. केवल मृतक असलम का परिवार कोर्ट पहुंचा था. इस वजह से फैसला टल गया.