रायपुर: छत्तीसगढ़ में साइबर क्राइम (cyber crime) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. साइबर ठग नए-नए हाईटेक तरीके से ठगी को अंजाम देते हैं. ATM फ्रॉड, OTP फ्रॉड, एडवरटाइजमेंट के नाम पर ठगी के मामले देखने को मिल रहे हैं. फेक अकाउंट बनाकर भी सोशल मीडिया (fake account in social media) पर फ्रॉड किए जाते हैं. साइबर एक्सपर्ट मोनाली गुहा ने ETV भारत से चर्चा में बताया कि जिन्हें आप जानते ना हों उनसे सोशल मीडिया में भी दूरी बना कर रखें. अनजान लोग कई बार साइबर ठग होते हैं और वे आपकी पर्सनल डिटेल चुरा सकते हैं.
साइबर एक्सपर्ट मोनाली गुहा सोशल मीडिया (social media) को लोगों से दोस्ती और बातचीत करने के लिए बनाया गया है. लेकिन साइबर ठग इसका इस्तेमाल लोगों का निजी डाटा, फोटो और वीडियो को चुराने में इस्तेमाल कर रहे हैं. आजकल के युवा सोशल मीडिया में ज्यादा एक्टिव रहते हैं. सोशल मीडिया में 5000 से 6000 फ्रेंड्स उनके अकाउंट से जुड़े रहते हैं. इनमें से ज्यादातर लोगों को वे पर्सनली नहीं जानते हैं. लेकिन फिर भी दोस्ती करते हैं. ऐसे में अनजान लोग फोटो और वीडियो चुरा कर उन्हें एडिट कर ब्लैक मेल करते हैं या आसानी से ठगी करते हैं.
साइबर एक्सपर्ट मोनाली गुहा ने बताया कि ऐसे लोगों को अपने अकाउंट में ऐड ही नहीं करना चाहिए जिसको आप पर्सनली नहीं जानते हैं. यदि किसी को ऐड कर भी लिया है तो सबसे पहले उसकी प्रोफाइल चेक जरूर करें.
फेक अकाउंट से किस तरह बचें ऐसे पता करें फेक सोशल मीडिया अकाउंट
- लंबे समय से सोशल मीडिया अकाउंट में कोई एक्टिविटी ना हुई हो.
- अकाउंट पर ज्यादा कोई पोस्ट नहीं किया गया है.
- अकाउंट में किसी तरह का लाइक, कमेंट न हुआ हो. मैसेज का रिप्लाई ना देते हों.
- अकाउंट की इंफॉर्मेशन फेक लगती हो.
- जिसका अकाउंट है, उसकी फोटो नहीं दिखती हो.
'फेक अकाउंट होने पर तुरंत करें अनफ्रेंड'
मोनाली गुहा बताती हैं कि अगर किसी भी अकाउंट में इस तरह की चीजें देखने को नहीं मिलती है तो समझ जाइए कि इस तरह का अकाउंट फेक हो सकता है. तुरंत उसे अनफ्रेंड कर देना चाहिए. क्योंकि ऐसा शख्स आपकी सारी इन्फॉर्मेशन को आप ही के खिलाफ इस्तेमाल कर सकता है. उसे आसानी से पता चल जाता है कि कब आप ऑनलाइन हैं और कब ऑफलाइन हैं. अनफ्रेंड नहीं करने पर वे हमारी सारी एक्टिविटी देख सकते हैं.
ऐसे पता करें फेक सोशल मीडिया अकाउंट साइबर एक्सपर्ट से जानिए सोशल मीडिया अकाउंट में प्राइवेट सेटिंग क्यों है जरूरी?
फेक अकाउंट से किस तरह बचें
- जिसको जानते हैं, सिर्फ उन्हीं को ऐड करें.
- पर्सनल डाटा कम शेयर करें.
- डेली अपना फोटो अपलोड ना करें.
- email आईडी को सोशल मीडिया पर शो ना करें.
- ऐसा मोबाइल नंबर जो बैंक में शेयर किया है, उसको सोशल मीडिया पर शेयर ना करें.
सोशल मीडिया में इस तरह से होती है ठगी
व्हाट्सएप हैक:आजकल साइबर ठग लोगों के व्हाट्सएप को हैक कर रहे हैं और उनके पर्सनल डाटा को पब्लिक करने की धमकी देकर उन्हें ठगी का शिकार बना रहे हैं.
कैसे बचें : सोशल मीडिया पर अपनी पर्सनल चीजें ना डालें. सोशल मीडिया अकाउंट को हमेशा पर्सनल रखें. किसी भी अनजान व्यक्ति से बात करते वक्त उसे अपना अकाउंट डिटेल्स ना शेयर करें. किसी भी अनजान व्यक्ति से बात करते वक्त उसके दिए गए लिंक पर क्लिक न करें.
फेसबुक हैक : आजकल प्रदेश में ज्यादातर मामले फेसबुक हैकिंग या कॉपीड अकाउंट के आ रहे हैं. ऐसे में ठग आपके अकाउंट को हैक कर लेते हैं या आपके अकाउंट जैसा ही एक अकाउंट क्रिएट कर लेते हैं और आपके दोस्तों को इमोशनल मैसेज कर पैसों की मांग करते हैं. ऐसे में अकाउंट नंबर पर पैसा ट्रांसफर न करें.
कैसे बचें ?-जैसे ही पता चलता है कि आपका फेसबुक अकाउंट हैक हो गया है या किसी ने कॉपीड अकाउंट बनाकर आपके दोस्तों के साथ बात की है या पैसों की डिमांड की है तत्काल सभी दोस्तों को फोन कर सूचित करें कि आपका अकाउंट हैक हो चुका है. इसके साथ ही आप अपने व्हाट्सएप या दूसरे अकाउंट पर पोस्ट लिखकर डालें कि आपका अकाउंट हैक हो चुका है और तत्काल अपने नजदीकी थाने में जाकर FIR दर्ज कराएं.