रायपुर:विश्व योग दिवस के दिन रायपुर के समता कॉलोनी में हुई शादी में शामिल लोगों को यह शादी हमेशा के लिए याद रहेगी. यह एक ऐसी शादी थी, जिसमें मंत्रों के उच्चारण की आवाज किसी को सुनाई नहीं दी. दूल्हा-दुल्हन ने वीरभद्रासन मुद्रा में एक दूसरे को वरमाला पहनाई. दरअसल रायपुर के समता कॉलोनी स्थित गायत्री मंदिर में 29 वर्षीय मूक-बधिर वर लुक्की श्रीवास्तव और 30 वर्षीय मूक-बधिर वधू मीनाक्षी का विवाह संपन्न हुआ.
एक विवाह ऐसा भी: दूल्हा दुल्हन ने वीरभद्रासन आसन में पहनाया वरमाला
विश्व योग दिवस के दिन रायपुर के समता कॉलोनी में खास शादी हुई. इसमें दूल्हा-दुल्हन ने वीरभद्रासन आसन में एक दूसरे को वरमाला पहनाया.
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साइन लैंग्वेज के माध्यम से मंत्रों का किया गया उच्चारण: शादी में साइन लैंग्वेज के माध्यम से मंत्रोच्चारण किया गया. शादी के दौरान विवाहित जीवन की कसमें भी साइन लैंग्वेज के जरिए दिलाई गई. कई संस्थाओं ने मिलकर मूक-बधिर लुक्की और मीनाक्षी की शादी कराई और इस शादी का खर्चा उठाया. मीनाक्षी का कोई भी परिवारिक सदस्य नहीं है. वह कई सालों से नारी निकेतन में रह रही थी. 5 साल पहले मीनाक्षी को नारी निकेतन से कोपलवाणी भेजा गया. यहां पर मीनाक्षी ने साइन लैंग्वेज और आर्ट एंड क्राफ्ट की पढ़ाई की.
सामाजिक संगठनों ने ली थी शादी की जिम्मेदारी: कोपलवाणी की संस्थापक पदमा शर्मा ने बताया "यह एक अद्भुत प्रयोग है. एक बालिका के माता-पिता, भाई-बहन, बड़ी मां मौसी के रूप में समाजसेवी उपस्थित रहे. शुरुआती दौर में ऐसा सोचा गया था कि मात्र 11 कपड़ों में हम मीनाक्षी को विदा कर पाएंगे. लेकिन रायपुर शहर में समाजसेवियों की सेवाभाव की वजह से मीनाक्षी को हर वह उपहार दिया गया, जो एक माता-पिता अपनी बेटी को देते हैं.'' इस विवाह में एक रोचक बात और रही कि किसी संस्था ने भोजन की जिम्मेदारी ली. किसी संस्था ने बाराती का स्वागत सत्कार किया तो किसी ने मंडप संभाला. इस तरह सभी स्वयंसेवी संस्थाओं ने एक परिवार की तरह इस विवाह को संपन्न करने में अपनी भूमिका निभाई.
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