रायपुर: लाइब्रेरी ऐसी जगह होती है, जहां छोटे से लेकर बड़े यानी किसी भी आयु के लोग जाकर पढ़ सकते हैं. कुछ प्राइवेट लाइब्रेरी भी होती है, जहां महीने और साल की फीस भी बच्चों को पढ़ाई के लिए देनी पड़ती है. लेकिन राजधानी रायपुर के सुंदर नगर में एक ऐसी लाइब्रेरी है, जो नि:शुल्क खुले आसमानों के नीचे पेड़ की छांव में गार्डन में संचालित की जाती है. इसे "गार्डन लाइब्रेरी" के नाम से भी जाना जाता (Raipur Unique Garden Library) है. कहते हैं कि शिक्षा जहां से मिले और जितनी मिले बटोर लेना चाहिए. प्रकृति के बीच पढ़ाई करने का एक अलग ही सुकून मिलता है. इसी कॉन्सेप्ट के साथ रायपुर के एक इंजीनियर ने गार्डन लाइब्रेरी की शुरुआत की है.
26 से अधिक नि:शुल्क लाइब्रेरी करते हैं संचालित: इंजीनियर प्रशांत महतो रायपुर में गार्डन लाइब्रेरी के साथ-साथ प्रदेश भर में 26 से अधिक नि:शुल्क लाइब्रेरी भी संचालित करते हैं. प्रशांत ने अपना एक फाउंडेशन भी बनाया है, जिसके माध्यम से वो अलग-अलग संस्थाओं की सहायता से नि:शुल्क लाइब्रेरी संचालित करते हैं. प्रदेशभर के नि:शुल्क लाइब्रेरी में सैकड़ों बच्चे फ्री में शिक्षा ले रहे हैं. 1 जुलाई से प्रशांत अपने नि:शुल्क लाइब्रेरी को ऑनलाइन करने जा रहे हैं, जिससे घर बैठे बच्चे लाइब्रेरी की सुविधा ले सकते हैं. लाइब्रेरी में अलग-अलग संस्था या जो किताब डोनेट करते हैं, उनके माध्यम से किताबों को रखा जाता है.
ऐसे नि:शुल्क लाइब्रेरी खोलने का आया आइडिया: चरामेति फाउंडेशन के फाउंडेशन इंजीनियर प्रशांत महतो कहते हैं, " नि:शुल्क लाइब्रेरी के अभियान की शुरुआत 2015 मार्च में हुई थी. एक भेल वाले ने मुझे एक बुक का पन्ना फाड़ कर भेल बना कर दिया था, जिसे देखकर मैंने सोचा कि इतने अच्छे किताब कि आज क्या दुर्गति हो गई है. जिसके बाद से ही हम लगातार किताबें संग्रहित कर रहे हैं. 2015 में हमने सिर्फ 2 महीने में 17500 किताबें जमा की. जिसके बाद हमने प्रदेश भर में जगह-जगह लाइब्रेरी स्थापित की. 26 से ज्यादा नि:शुल्क लाइब्रेरी हमारी प्रदेशभर में संचालित हो रही है. इस लाइब्रेरी में कोई भी अपनी किताबें नि:शुल्क छोड़ सकता है. किताबें ले जा सकता है. हमारी कोशिश सिर्फ इतनी सी है कि पाठकों को पढ़ने के लिए एक बेहतर माहौल मिल पाए.
अच्छे इन्वायरमेंट में बच्चों को मिल सके अच्छी शिक्षा:चरामेति फाउंडेशन के फाउंडेशन इंजीनियर प्रशांत महतो कहते हैं कि "प्रकृति के बीच रहना एक अलग ही सुकून प्रदान करता है. पिछले 2 साल से घरों में कैद रहकर बच्चे भी ऊब चुके हैं. इसी सोच से हमने गार्डन लाइब्रेरी शुरू की है. गार्डन लाइब्रेरी का कॉन्सेप्ट ही प्रकृति के बीच रहकर पढ़ना है. इस अवधारणा पर हमने गार्डन लाइब्रेरी शुरू की है. रायपुर के सुंदर नगर स्थित आम बगीचे में हमारे द्वारा गार्डन लाइब्रेरी संचालित की जाती है. इस गार्डन लाइब्रेरी में बच्चे नि:शुल्क आकर पढ़ाई करते हैं. गार्डन लाइब्रेरी में लगभग सभी प्रकार के पुस्तकें उपलब्ध हैं. इसके साथ-साथ जैसे-जैसे पाठकों की संख्या बढ़ने लगती है और नए-नए किताबों की डिमांड आती है. तो हम वह किताब पर भी अवेलेबल करवा देते हैं."
जल्द नि:शुल्क कोचिंग खोलने की तैयारी:इंजीनियर प्रशांत महतो कहते, "इस गार्डन लाइब्रेरी में बच्चे से लेकर बूढ़े तक नि:शुल्क आकर पढ़ाई करते हैं. लाइब्रेरी में जो एक्सपर्ट्स पढ़ने आते हैं. छोटो को उनके द्वारा आगे के लिए मार्गदर्शन मिल जाता है. हम यह भी कोशिश कर रहे हैं कि जल्द ही हम नि:शुल्क एक कोचिंग सेंटर भी खोलें, जिससे स्लम एरिया के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा मिल पाए."