रायपुर : जंगल सफारी में बाघ के साथ छेड़छाड़ या तंग करने के आरोप में 3 संविदाकर्मियों को नौकरी से निकालने के मामले में नया मोड़ आया है. पहले वायरल वीडियो के बाद अब दूसरे वायरल वीडियो के सोशल मीडिया में आने के बाद कर्मचारी संघ ने वन विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और नौकरी से निकाले गए संविदाकर्मियों का बचाव किया है. उन पर हुई एकतरफा कार्रवाई का विरोध करते हुए विभाग के खिलाफ गंभीर आरोप भी लगाए हैं.
छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के महामंत्री विजय झा ने इन संविदाकर्मियों को बेकसूर बताते हुए इनके खिलाफ गलत कार्रवाई किए जाने का आरोप लगाया है. साथ ही विभाग के उच्च अधिकारियों को चेतावनी दी है कि यदि नौकरी से निकाले गए इन तीनों दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को नौकरी पर वापस नहीं रखा गया, तो वे विभाग के अधिकारियों की दस्तावेज के साथ पोल खोल देंगे.
उन्होंने कहा कि जंगल सफारी के प्रबंधन ने इन कर्मियों का पक्ष जानने की कोशिश नहीं की. दूसरे वायरल वीडियो में एक कर्मी बाघ से वाहन का पर्दा छोड़ने के लिए बार-बार गुहार लगा रहा है और गाड़ी को आगे नहीं बढ़ा रहा है. इतना ही नहीं इन कर्मियों ने वाहन में मौजूद पर्यटक को भी बाघ को न परेशान की भी अपील की है, जो इस वीडियो में साफतौर पर देखा जा सकता है बावजूद इसके इन तीनों कर्मियों को प्रबंधन ने नौकरी से निकाल दिया.
वापस नौकरी पर रखने की मांग
झा ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विदेश प्रवास के दौरान पूर्ववर्ती सरकार के कुछ अधिकारियों ने बघेल को बदनाम करने के लिए यह काम किया है. क्योकि पूर्ववर्ती सरकार के ये अधिककरी नहीं चाहते हैं कि भूपेश बघेल अच्छा काम करें. उन्होंने वन मंत्री सहित सीएम से जंगल सफारी से निकाले गए तीनों संविदाकर्मियों को वापस नौकरी पर रखने की मांग की है.
नहीं किया जाता है अच्छा बर्ताव
छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के महामंत्री ने कहा कि संविदाकर्मियों के साथ अधिकारियों की ओर से अच्छा बर्ताव नहीं किया जाता है. अधिकारी इन संविदाकर्मियों से घर के काम करवाते हैं. यहां तक कि अपनी पत्नी के साड़ियों को भी इन संविदाकर्मियों से धुलवाया जाता है. जो कर्मी ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है. झा ने बताया की पिछले 1 साल में लगभग 6000 संविदाकर्मियों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है जबकि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में संविदाकर्मियों को नियमित किए जाने की बात कही थी.