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Union Budget 2023: आम बजट 2023-24 से लोगों की उम्मीदें, क्या चाहती है छत्तीसगढ़ की जनता, जानिए - central government budget

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2023 को सुबह ग्यारह बजे केंद्रीय बजट पेश करेगी. इस बजट को लेकर विभिन्न वर्गों को काफी उम्मीदें हैं. बजट को लेकर हमने कई वर्गों से उनकी राय ली. जिसमें व्यापारी, गृहणी, कर्मचारी और किसानों ने इस बजट को लेकर अपनी अपनी राय दी है.

Union Budget 2023
1 फरवरी को पेश होगा केंद्रीय बजट

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Published : Jan 30, 2023, 11:06 PM IST

केंद्रीय बजट से लोगों की उम्मीदें

रायपुर:केंद्रीयबजट को लेकर व्यापारियों ने कहा कि "9 सालों से इनकम टैक्स के स्लैब में कोई भी परिवर्तन नहीं किया गया है. ऐसे में इस बजट में स्लैब में परिवर्तन किया जाना चाहिए. इसके साथ ही छूट की सीमा को ढाई लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया जाना चाहिए. नगदी लेनदेन की सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए. मध्यम और छोटे व्यापारियों को टैक्स में छूट मिलनी चाहिए. जो बड़े व्यापारी और उद्योगपति हैं, उन पर रिच कर लगाया जाना चाहिए. छोटे उद्योगों पर लगने वाले टैक्स को कम किया जाए. ताकि छोटे और मध्यम व्यापारी के साथ ही आम लोगों को इसका फायदा मिल सके."



बजट से हमें काफी कुछ उम्मीदें हैं:केंद्रीयबजट को लेकर गृहणियों का कहना है कि "इस बजट से हमें काफी कुछ उम्मीदें हैं. जो बजट आएगा उसमें रसोई पर बोझ नहीं बढ़ना चाहिए. इसके पहले जो भी बजट आया है. उससे रसोई का बजट बिगड़ गया है. राशन के सामान के साथ ही रसोई में उपयोग किए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के दामों में कमी होनी चाहिए. केंद्र का बजट आम गृहणी को ध्यान में रखकर होना चाहिए. बजट आने के बाद इसका फायदा अगर गृहणी को नहीं मिलता है. तो पूरे घर का बजट बिगड़ जाता है. सीमित कमाई पर सीमित खर्च मुश्किल हो जाता है. गृहणी का कहना है कि तेजी से गैस सिलेंडर के दाम बढ़े हैं. इसको कम कर देने से रसोई पर इसका असर कम पड़ेगा."



महंगाई भत्ता केंद्र के कर्मचारियों के समान हो:केंद्रीयबजट को लेकर कर्मचारियों का कहना है कि "राज्य के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता केंद्र के कर्मचारियों की समान होना चाहिए. केंद्र के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ता है. लेकिन राज्य के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता नहीं बढ़ाया जाता. राज्य के कर्मचारियों को वर्तमान में 33% महंगाई भत्ता मिल रहा है. जबकि केंद्र के कर्मचारियों को 38% महंगाई भत्ता दिया जा रहा है. ऐसे में महंगाई भत्ता में समानता होनी चाहिए. कर्मचारी बताते हैं, कि महंगाई राज्य और केंद्र दोनों में बढ़ रहे हैं और कर्मचारी राज्य में भी काम कर रहे हैं और केंद्र में भी काम कर रहे हैं. इनकम टैक्स के छूट की राशि को बढ़ानी चाहिए. छोटे कर्मचारियों का ज्यादा पैसा इनकम टैक्स में कट जाता है. जिसका असर कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति पर पड़ता है."

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बजट में फसल खरीदी की कानूनी गारंटी का भी प्रावधान हो:केंद्रीयबजट को लेकर किसानों का मानना है कि "लागत मूल्य के आधार पर फसलों का समर्थन मूल्य तय किया जाना चाहिए. बजट में फसल खरीदी की कानूनी गारंटी का भी प्रावधान होना चाहिए. किसानों की बेहतरी के लिए सरकार को चाहिए कि कुल बजट का 50% किसानों के हित में होना चाहिए. किसान बताते हैं कि कृषि से संबंधित कोई भी कार्य ट्रैक्टर के बिना संभव नहीं है और डीजल के दाम काफी बढ़ गए हैं. ऐसे में डीजल के दामों में की गई वृद्धि को कम किया जाना चाहिए. जिससे देश के किसानों को राहत मिल सके."

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