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महामारी और आर्थिक मंदी: छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी की दर में कमी, प्रवासी मजदूरों को काम देने में भी अव्वल

छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी की दर सितंबर 2020 में घटकर 2 फीसदी रह गई है. राष्ट्रीय स्तर पर देश में बेरोजगारी की दर 6.8 फीसदी से काफी कम है. देश में शहरी क्षेत्रों में यह दर 7.9 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्रों में 6.3 फीसदी है.

CM Bhupesh Baghel
सीएम भूपेश बघेल

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Published : Oct 18, 2020, 3:56 PM IST

Updated : Oct 18, 2020, 4:52 PM IST

रायपुर:छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी की दर सितंबर 2020 में घटकर 2 फीसदी रह गई है. राष्ट्रीय स्तर पर देश में बेरोजगारी की दर 6.8 फीसदी से काफी कम है. देश में शहरी क्षेत्रों में यह दर 7.9 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्रों में 6.3 फीसदी रही है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी ने 16 अक्टूबर को जारी बेरोजगारी दर के ताजा आंकड़ों के अनुसार बेरोजगारी की दर असल में 1.2 फीसदी के बाद छत्तीसगढ़ में सबसे कम 2 फीसदी है, जो देश के बड़े और विकसित राज्यों से काफी कम है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके लिए जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और समाज के लोगों के काम की सराहना की है.

सीएम भूपेश बघेल

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा सरकार के लिए गए निर्णय और फैसलों से छत्तीसगढ़ में उद्योग सहित कृषि क्षेत्र में गतिविधियां तेजी से हो रही है. जिससे छत्तीसगढ़ में रोजगार के अवसर लगातार बढ़ रहे हैं और बेरोजगारी की दर में कमी दर्ज की जा रही है. इसके पहले छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी की दर जून माह में 14.4 से घटकर जुलाई महीने में 9 फीसदी के स्तर पर आ गई थी. वहीं राज्य सरकार के लिए गए फैसले से कोरोना काल में भी राज्य में लोगों को आर्थिक गतिविधियों जोड़ कर रखा गया, जिसके परिणाम स्वरूप यह आंकड़े सामने आए हैं.

प्रवासी मजदूरों को सुविधा देने में छत्तीसगढ़ अव्वल

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हमारा लगातार प्रयास जारी है. हम लोगों को इस ओर और काम करना है और सुधार की आवश्यकता है, और जो आंकड़े आए हैं यह बेहद अच्छी खबर है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों को सुविधा देने में हमारा छत्तीसगढ़ अव्वल रहा है राज्य के प्रवासी श्रमिकों को क्वॉरेंटाइन की सुविधा और राशन भी मुहैया करवाया गया.

समाज ने दिया योगदान

मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने योजनाएं बनाई, लेकिन इसमें समाज का भी बड़ा योगदान रहा और सभी वर्गों के लोगों ने इस में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. प्रदेश में 21 से 22 हजार क्वॉरेंटाइन सेंटर थे, उसमें 7 लाख से अधिक मजदूरों के रहने खाने-पीने की व्यवस्था करना निश्चित रूप से प्रशासन और कर्मचारियों ने जनप्रतिनिधियों ने बेहद मेहनत का काम किया है. मनरेगा में लघु वनोपज के संग्रहण के कार्य हुए.

पलायन करने वाले मजदूरों की संख्या कम

7 लाख मजदूर छत्तीसगढ़ पहुंचे थे, लेकिन यहां से जाने वालों की संख्या केवल 26 हजार है. जिला प्रशासन ने उद्योगपतियों से बातचीत करके मजदूरों के रहने खाने-पीने की व्यवस्था की. इस वजह से वे पलायन नहीं कर पाए. सीएम ने कहा कि प्रदेश में सबसे पहले स्टील का उत्पादन शुरू हुआ और उसका रिकॉर्ड उत्पादन हुआ और देश में सबसे सर्वाधिक स्टील की आपूर्ति छत्तीसगढ़ से हो रही है. हर स्तर पर लोगों के सहयोग और प्रशासन की सक्रियता के कारण यह संभव हुआ है. लॉकडाउन के दौरान ही पुलिसकर्मियों ने अपनी भूमिका बखूबी निभाई है.

Last Updated : Oct 18, 2020, 4:52 PM IST

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