रायपुर : सीएमआईई (CMIE) की नवंबर 2022 रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 0.1 फीसदी बेरोजगारी दर रही. हालांकि मार्च 2023 में सीएमआईई रिपोर्ट में यह बेरोजगारी दर बढ़कर 0.8 फीसदी हो गई. यानी छत्तीसगढ़ में 100 में से एक व्यक्ति भी बेरोजगार नहीं है. लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने बजट में 12वीं पास युवा शिक्षित बेरोजगारों को 2500 रुपये बेरोजगारी भत्ता देने का ऐलान किया है. इसके लिए बेरोजगारों का 2 साल पहले रोजगार कार्यालय में रजिस्ट्रेशन जरूरी है. पारिवारिक आय भी ढाई लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. चुनावी साल में भूपेश सरकार के इस ऐलान के नफा नुकसान को लेकर सियासी गलियारे में हलचल मची है.
बीजेपी ने आंकड़ों पर उठाए सवाल :छत्तीसगढ़ सरकार के बेरोजगारी भत्ता देने के ऐलान पर भाजपा ने सवाल उठाया है.भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने सवाल उठाया है कि "कांग्रेस ने अपने जन घोषणापत्र में 10 लाख बेरोजगारों को रोजगार देने या 2500 रुपये देने की बात कही थी. रोजगार कार्यालय में रजिस्टर्ड बेरोजगार की संख्या 18 लाख 79 हजार है. सरकार बोल रही है कि 0.1 परसेंट बेरोजगारी है तो फिर 18 लाख 79 हजार बेरोजगार कहां से आए? कांग्रेस सरकार बेरोजगारों से उनका हक छीन रही है.''
कांग्रेस ने बताया अपना कमिटमेंट : कांग्रेस भी बीजेपी को लगातार इस मुद्दे पर जवाब दे रही है. कांग्रेस नेता विनय जायसवाल कहते हैं ''जो बेरोजगारी दर के आंकड़े दिए गए, वे सेंट्रल एंप्लॉयमेंट एजेंसी के आंकड़े हैं. बेरोजगारी भत्ता 12वीं पास लोगों के लिए है, जिनके परिवार की वार्षिक आय का स्लैब ढाई लाख रुपए से कम है. यही कमिटमेंट भी किया गया था.''