रायपुर: 40 की उम्र के आस पास का पुरुष की गिनती अधेड़ में होने लगती है. इसी उम्र के आसपास शरीर में वृद्धावस्था के लक्षण दिखने लगते हैं. इसके साथ ही शरीर में कई प्रकार की बीमारियों का प्रवेश होने लगता है. हर पुरुष को 40 की उम्र के बाद हर 6 महीने या फिर साल भर में पर्याप्त मेडिकल टेस्ट कराना चाहिए. भारतीय जीवनशैली और खानपान पिछले तीन-चार दशकों में काफी बदला है. शहरीकरण और कम मेहनत करने के कारण लोगों को तेजी से बीमारियां घेर रही हैं. ऐसे में अलग-अलग मेडिकल टेस्ट फैमिली फिजीशियन की सलाह पर कराया जाना चाहिए. लाइफस्टाइल और खानपान में भी परिवर्तन आज बेहद जरूरी है.
शारीरिक मेहनत बेहद जरूरी:डॉ राकेश गुप्ता ने बताया कि "भारत ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की कैपिटल राजधानी बनने जा रहा है. यह सारी चीजें मुख्यता हमारी जीवनशैली और खानपान से जुड़ा हुआ है. 30-40 साल पहले और वर्तमान के खानपान में ऐसा कुछ परिवर्तन आया है, जो डायबिटीज जैसी बीमारी को जन्म देता है. पहले की तुलना में वर्तमान समय में शारीरिक मेहनत कम हो रही है या बिल्कुल भी नहीं हो पा रही है."
"वर्तमान समय में लोगों की लाइफ स्टाइल में काफी कुछ चेंजेस देखने को मिला है. पुराने समय में लोग शारीरिक मेहनत अधिक करते थे. एक्सरसाइज वगैरह किया करते थे, लेकिन वर्तमान समय में लोग दोपहिया और चार पहिया वाहनों का इस्तेमाल अधिक कर रहे हैं. इसके कारण शारीरिक मेहनत नहीं हो पा रही है. खानपान में शक्कर घी जैसी चीजें भी शामिल हो गई हैं, जो मोटापे को बढ़ावा देती है. ऐसी चीजों को बढ़ावा देती हैं, जिससे बहुत जल्दी डायबिटीज या ब्लड प्रेशर जैसी बीमारी देखने को मिलती हैं. 6 महीने या साल भर के दौरान बेसिक टेस्ट कराने अनिवार्य हैं." -डॉ राकेश गुप्ता
Health Test For Men: 40 साल की एज में पुरुषों को कई तरह के टेस्ट कराना क्यों है जरूरी ?
हमने आज अपनी लाइफस्टाइल जैसी बना ली है, उसमें बीमारियों का खतरा हमेशा हमारे सर पर मंडराता रहता है. शारीरिक मेहनत से हम लगातार दूर होते जा रहै हैं. खानपान की भी तरीका बदल चुका है. ऐसे में 40 की उम्र पर पहुंचते ही हमें सतर्क रहने की जरूरत है.
पुरुषों को ये टेस्ट जरूर कराना चाहिए
कम उम्र में हो रही गंभीर बीमारियां:आज डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, थायराइड, आर्थराइटिस, हड्डियों से संबंधित बीमारियां भी कम उम्र में होने लगी हैं. अब लाइफ स्टाइल बीमारी के अलावा जन्मजात और जेनेटिक बीमारियां भी लगातार बढ़ रही हैं. इसके लिए डॉक्टरी एडवाइज बेहद जरूरी है. इस उम्र में बीमारियों के लक्षण जितने जल्दी पहचान में आ जाएं, उतना अच्छा होता है.