रायपुर/हैदराबाद:छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद ढाई ढाई साल के फॉर्मूले ने काफी सुर्खियां बटोरी. दावा था कि पहले ढाई साल भूपेश बघेल तो बाकी के ढाई साल टीएस सिंहदेव मुख्यमंत्री पद का दायित्व निभाएंगे. मगर समय बीतने के साथ ही दावे भी हवा हवाई ही साबित हो गए. सीएम न बन पाने की टीस स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की जबान से गाहे बगाहे निकलती ही रहती है. अब उन्होंने राष्ट्रीय अधिवेशन के बीच मुद्दा छेड़कर पार्टी हाईकमान को जता दिया है कि वो भी सीएम पद की जिम्मेदारी उठाने को तैयार हैं. हालांकि खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने मुद्दे को हाईकमान का विषय बताया.
चार लोगों को बुलाकर तय हुई थी बात: स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि "चार लोगों को बुलाया गया था जब सीएम का चेहरा तय करना था कि जिम्मेदारी किसको देनी है. चरणदास महंत थे, ताम्रध्वज साहू थे, भूपेश भाई भी थे, मैं था. ये चारों में उस समय बात चली थी. ढाई ढाई साल की भी बात मीडिया में बहुत चली. ढाई साल भी निकल गए, चुनाव नजदीक आ गए हैं. ये तो कभी किसी ने प्रमाणित नहीं कहा कि ढाई साल का तय हुआ था. राहुल जी ने कभी नहीं कहा. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने नहीं कहा. जो बातें थीं, एक दरवाजे के अंदर हुई. वो चर्चा मीडिया में आई, पर अधिकृत रूप से हाईकमान ने कभी ये नहीं कहा कि ये तय हुआ था."
काम करने का मौका मिलता तो कप्तानी करते:सीएम बनने के सवाल पर कहा कि "आप भी, मैं भी, बहुत लोग सीएम बनना चाहेंगे. गर्व की बात है, एक जिम्मेदारी की बात है. अपने हिसाब से काम करने का मौका मिले तो कौन नहीं चाहेगा. मेरे को मौका मिलता तो मैं भी काम करके दिखाता." नाराज होने के सवाल पर कहा "नाराजगी की बात नहीं है. थोड़ा सा मन छोटा होता है. काम करने का मौका मिलता तो कप्तानी करते."