रायपुर:tulsi farming in chhattisgarhछत्तीसगढ़ के किसान धान के विकल्प के रूप में तुलसी की खेती भी आसानी से कर सकते हैं. तुलसी की खेती करने के लिए प्रदेश के किसानों को बीज की आवश्यकता होगी. जिसके लिए किसानों को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय से बीज भी प्रदान किया जा रहा है. तुलसी बहुवर्षीय फसलों की श्रेणी में आता है. प्रदेश के किसान तुलसी की खेती करते हैं. इसकी साल में 3 से 4 बार कटाई की जा सकती है. किसानों को ध्यान देने वाली बात यह है कि इसके लिए नर्सरी तैयार करने के बाद इसकी रोपाई की जा सकती है.
छत्तीसगढ़ में तुलसी की खेती बन सकती है धान का विकल्प, किसानों को होगा अच्छा मुनाफा - farming news chhattisgarh
tulsi farming in chhattisgarh छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए खुशखबरी है. अब किसान तुलसी की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. तुलसी की खेती को लेकर कृषि वैज्ञानिकों ने छत्तीसगढ़ की जलवायु और मिट्टी को उपयोगी बताया है. आइए जानते हैं तुलसी की खेती कैसे की जा सकती है.
![छत्तीसगढ़ में तुलसी की खेती बन सकती है धान का विकल्प, किसानों को होगा अच्छा मुनाफा Basil cultivation can become an alternative to paddy](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-17029087-thumbnail-3x2-img.jpg)
तुलसी की खेती बन सकती है धान का विकल्प
तुलसी की खेती बन सकती है धान का विकल्प
किसान अचछा मुनाफा कर सकते हैं अर्जित:तुलसी एक प्रकार से औषधीय पौधा है. तुलसी के पत्ते से तेल निकाला जाता है. यही इसका महत्व होता है. तुलसी का अर्क और विभिन्न प्रकार के सुगंधित चीजों के रूप में इसका इस्तेमाल किया जाता है. तुलसी बहुवर्षीय फसल है. जिसकी साल में 3 से 4 बार कटाई की जा सकती है. इसके कुछ उपयोगी किस्मे हैं, जिससे किसान अचछा मुनाफा अर्जित कर सकते हैं. तुलसी पौधे के पत्तियों से तेल निकालने के लिए किसानों को आसवन यंत्र की भी जरूरत पड़ती है.
Last Updated : Nov 25, 2023, 6:19 PM IST