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बिलासपुर युवती की मौत का मामला: जिनको देना था जांच का आदेश, वही कह रहे जांच की बात - लापरवाही की निष्पक्ष जांच

बिलासपुर के निजी अस्पताल में इलाज करा रही 23 साल की युवती की 4 जुलाई को मौत हो गई थी. परिवार का आरोप है कि गंभीर हालत होने के बाद भी अस्पताल ने निशा के इलाज पर ध्यान नहीं दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. इस पर परिजनों ने डॉक्टरों के खिलाफ टीएस सिंहदेव से कार्रवाई की मांग की थी, जिसपर सिंहदेव ने लापरवाही की निष्पक्ष जांच होने की बात कही है.

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बिलासपुर युवती की मौत मामले में जांच की मांग

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Published : Jul 5, 2020, 6:01 PM IST

Updated : Jul 5, 2020, 10:46 PM IST

रायपुर:बिलासपुर के निजी अस्पताल में 23 साल की युवती की मौत हो गई थी. जिसपर परिजनों ने हॉस्पिटल मैनेजमेंट पर इलाज में घोर लापरवाही और रुपयों के लिए गलत इलाज करने के गंभीर आरोप लगाए थे. साथ ही जिम्मेदार डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की थी, इसपर छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने ट्वीट कर लापरवाही की निष्पक्ष जांच की बात कही थी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

स्वास्थ्य मंत्री ने ट्वीटकर लिखा है कि 'नवजात जीवन के इस अनावश्यक नुकसान से बहुत दुखी हूं. किसी भी लापरवाही की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. उन्होंने लिखा कि लापरवाही के खिलाफ सख्त कानूनी और पेशेवर कार्रवाई की जानी चाहिए'. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री को मामले की जानकारी है, लेकिन अभी तक अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

अपोलो अस्पताल के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया

स्वास्थ्य मंत्री ने भले ही मामले को लेकर जांच होने की बात कही है, लेकिन खुद स्वास्थ्य विभाग के मंत्री होते हुए लापरवाही बरतने वाले अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कुछ ठोस कदम उठाते नजर नहीं आ रहे हैं, जबकि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते गैर जिम्मेदाराना हरकत के खिलाफ तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन तीन दिन बीते चुके हैं, अभी तक लापरवाह अपोलो अस्पताल के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जा सका है.

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24 जून को अज्ञात वाहन ने मारी थी टक्कर

बता दें कि निशा सिंह 24 जून को मॉर्निंग वॉक पर निकली थी, जिसे अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी थी. हादसे में वो गंभीर रूप से घायल हो गई थी. घायल अवस्था में उसे आनन-फानन में अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. परिजन को लगा बड़ा हॉस्पिटल है. अच्छा इलाज होगा और बिटिया स्वस्थ होकर घर लौट आएगी. लेकिन किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था.

प्लास्टिक सर्जरी के बाद निशा की मौत

इलाज के दौरान अपोलो प्रबंधन ने युवती के परिजनों पर ऑपरेशन का दवाब बनाया. परिवार ने युवती का हाल देखते हुए ऑपरेशन के लिए हां कर दिया. इसी दौरान डॉक्टर्स ने प्लास्टिक सर्जरी की बात कही. प्लास्टिक सर्जरी का नाम सुन परिवार ने पहले इनकार किया, लेकिन फिर तैयार हो गए. अस्पताल ने उन्हें 10 से 12 लाख रुपए का खर्च बताया था. फैमिली का कहना है कि प्लास्टिक सर्जरी के बाद निशा की तबीयत और बिगड़ गई. 2 दिन उसे वेंटिलेटर पर रखा गया और उसकी मौत हो गई.

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'न्याय नहीं मिला तो जाएंगे कोर्ट'

परिवार का आरोप है कि गंभीर हालत में भी अस्पताल ने निशा के इलाज पर ध्यान नहीं दिया. परिवार ने कहा कि ये पूरी तरह नेग्लीजेंस का मामला है. साथ ही डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की है. ETV भारत से मृतिका के पिता विजय सिंह ने कहा कि उन्होंने इस मामले में बिलासपुर पुलिस और स्वास्थ्य मंत्री से भी मदद की गुहार लगाई थी. अगर उन्हें जल्द न्याय नहीं मिलता है तो वो कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकते हैं.

सरकंडा थाने में शिकायत दर्ज

युवती के परिजन ने सरकंडा थाने में शिकायत दर्ज कराई है, जिस पर विवेचना जारी है. आपको बता दें कि इससे पहले भी इस अस्पताल पर इस तरह के गंभीर आरोप लगाए गए हैं. अब देखना है कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होती है या फिर मामला जांच की फाइल में दब कर रह जाता है.

Last Updated : Jul 5, 2020, 10:46 PM IST

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