रायपुर: रायपुर में आयोजित धर्म संसद में महात्मा गांधी के खिलाफ विवादित भाषण देने वाले कालीचरण की गिरफ्तारी का लगातार विरोध हो रहा है. कालीचरण की रिहाई को लेकर अवंती विहार एटीएम चौक पर भारत रक्षा मंच ने विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान मुख्यमंत्री का पुतला दहन की कोशिश (try to burn effigy of CM Baghel raipur) की गई, हालांकि प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पुतला दहन करने में सफल नहीं हो पाये. बाद में प्रदर्शनकारियों ने पुतले को नाली में फेंक दिया.
संत कालीचरण की रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन यह भी पढ़ेंःKalicharan Maharaj को मंत्री अमरजीत भगत ने बताया कथाकथित संत, कहा- आपत्तिजनक बयान देकर छत्तीसगढ़ को करना चाहते हैं अस्थिर
कालीचरण के गिरफ्तारी का विरोध
प्रदर्शन के दौरान भारत रक्षा मंच के संयोजक राजकुमार राठी ने कहा कि हमारे देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है. किसी की बाध्यता नहीं है कि वे महात्मा गांधी को माने. आरटीआई से जो रिपोर्ट प्राप्त हुई है, उसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि महात्मा गांधी भारत के राष्ट्रपिता नहीं है. राजकुमार राठी ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार दो प्रकार का कानून चल रहा है. एक तरफ जहां संतों के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तारी की जा रही है. तो वहीं दूसरी ओर भगवान श्री राम के लिए अपशब्द बोलने वाले मुख्यमंत्री के पिता पर कोई कार्रवाई नहीं होती. तब कोई कानून काम नहीं करता.
गिरफ्तारी का तरीका गलत
कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी के बारे में कहा है... हमें गिरफ्तारी से कोई इनकार नहीं है. लेकिन जिस प्रकार से गिरफ्तार किया गया. ना ही वहां की स्थानीय पुलिस को सूचना दी गई, ना ही महाराष्ट्र कोर्ट से जाकर ट्रांजिट रिमांड लिया गया. इस प्रकार से कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी की गई... जैसे किसी नक्सली को पकड़ कर लाया गया हो. छत्तीसगढ़ का बहुसंख्यक हिंदू समाज इस बात को महसूस कर रहा है कि छत्तीसगढ़ में हिंदू समाज को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है इसी बात को लेकर हम लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया है. अगर कालीचरण महाराज की शीघ्र रिहाई नहीं हुई, तो आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन किया जाएगा.