रायपुर: लॉकडाउन के दौरान जहां एक ओर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सहित शासन-प्रशासन ने लोगों से घरों में रहने की अपील की है. वहीं एक बहुत बड़ा तबका ऐसा भी है, जो घरों के बाहर सड़कों और ट्रकों में रहने को मजबूर हैं. यह ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े लोग हैं, जो लॉकडाउन की वजह से वापस घर नहीं जा सके हैं.
सड़क पर रहने को मजबूर हैं ट्रक ड्राइवर्स छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर की बात की जाए, तो यहां भी ट्रकों के पहिए थम गए हैं, जिसकी वजह से हजारों की संख्या में ट्रक ड्राइवर, कंडक्टर और मजदूर फंसे हुए हैं. जो अन्य राज्यों से सामान पहुंचाने या फिर ले जाने यहां आए हुए थे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से अब इन लोगों को सड़कों पर ही दिन गुजारना पड़ रहा है. क्योंकि न तो यह वापस अपने घर को जा सकते हैं, न ही इनके रुकने की व्यवस्था शासन-प्रशासन की ओर से की गई है. हालांकि समय-समय पर इन लोगों को विभिन्न समाजसेवी संस्थाएं भोजन उपलब्ध करा रहे हैं.
खिचड़ी रोटी खाकर कट रही रात रोटी और खिचड़ी खाकर कर रहे गुजारा
वहीं भोजन के अलावा भी कई ऐसी जरूरतें होती हैं, जो इस लॉकडाउन की वजह से पूरी नहीं हो पा रही हैं, जैसे कि उनके पास साबुन, सैनिटाइजर, मास्क सहित अन्य चीजें उपलब्ध नहीं है. साथ ही आम दिनों में यह लोग विभिन्न छोटे होटल, ढाबा में अपने मन मुताबिक भोजन करते थे, लेकिन अब इन्हें विभिन्न संस्थाओं और संगठनों की ओर से दी जा रही रोटी और खिचड़ी से ही गुजारा करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं बाहर होने की वजह से इन लोगों का संपर्क परिवार वालों से भी नहीं हो पा रहा है, क्योंकि इनके पास न तो मोबाइल है, न ही परिवार वालों से संपर्क करने के लिए कोई साधन मौजूद हैं.
ट्रांसपोर्ट संघ के पदाधिकारी का कहना है कि 'उनकी ओर से सभी ट्रक ड्राइवर, खलासी और मजदूरों के लिए भोजन की व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है. साथ ही उनकी अन्य जरूरतों को भी पूरा करने की कोशिश की जा रही है.
लॉकडाउन की वजह से नहीं मिल रहा खाना
लॉकडाउन की वजह से फंसे इन ट्रक ड्राइवरों को अब लॉक खोलने का इंतजार है. जल्द लॉकडाउन खुले और यह लोग अपने-अपने ट्रकों को मंजिल तक पहुंचाकर घर की ओर रवानगी लें, क्योंकि लॉकडाउन की वजह से इन लोगों को न तो भोजन मिल रहा है, न ही अन्य सुविधाएं हैं.
सड़क पर रहने को मजबूर हैं ट्रक ड्राइवर्स