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आरक्षण की मांग को लेकर आदिवासी समाज ने राजधानी में किया प्रदर्शन

32% आरक्षण की मांग को लेकर सर्वआदिवासी समाज ने सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए. आदिवासी युवा छात्र संगठन ने एमबीबीएस और नीट जैसी परीक्षाओं में 32% आरक्षण की रखी मांग.

Tribal society protests in the capital
आदिवासी आरक्षण पर प्रदर्शन

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Published : Nov 15, 2022, 6:02 PM IST

Updated : Nov 16, 2022, 5:37 PM IST

रायपुर:प्रदेश में आरक्षण का मामला एक बार फिर गरमाने लगा है. राजधानी रायपुर सहित पूरे प्रदेश में मंगलवार को सर्व आदिवासी समाज ने 32 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर आर्थिक नाकेबंदी करने के साथ ही सरकार के खिलाफ जमकर नारे भी लगाए. सर्व आदिवासी समाज आरक्षण की मांग को लेकर अक्टूबर महीने से लगातार प्रदर्शन कर रहा है. पहले भी सर्व आदिवासी समाज के द्वारा एक नवंबर को राजधानी सहित सभी जिला मुख्यालय में राज्य उत्सव का विरोध किया गया था. राजधानी में सर्वआदिवासी समाज ने लगभग 1 घंटे तक रायपुर जगदलपुर नेशनल हाईवे को जाम करके रखा था. प्रदर्शन के बाद सर्व आदिवासी समाज ने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

आदिवासियों के आरक्षण कटौती पर विरोध प्रदर्शन

आदिवासी युवा छात्र संगठन भी प्रदर्शन में शामिल: पूरे प्रदेश के साथ ही राजधानी में एमएमआई हॉस्पिटल के पास ओवर ब्रिज के नीचे सर्व आदिवासी समाज ने प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में आदिवासी युवा छात्र संगठन के लोग भी शामिल हुए. आदिवासी युवाओं का कहना है कि "प्रतियोगी परीक्षाएं जैसे एमबीबीएस और नीट जैसी परीक्षाओं में 32% आरक्षण नहीं मिलने के कारण उनकी सीटें कम हो गई हैं. इसका नुकसान आदिवासी युवाओं को उठाना पड़ा. ऐसे में सरकार को चाहिए कि आदिवासियों को 32% आरक्षण दिया जाए."

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पूर्व आदिवासी मंत्री भी प्रदर्शन का हिस्सा: मंगलवार को सर्व आदिवासी समाज के द्वारा किए गए प्रदर्शन और आर्थिक नाकेबंदी के इस कार्यक्रम में प्रदेश के पूर्व मंत्री और आदिवासी नेता अरविंद नेताम भी पहुंचे थे. अरविंद नेताम का कहना है कि "वर्तमान सरकार ने अपना पक्ष कोर्ट में सही तरीके से नहीं रखा जिसके कारण आदिवासियों को 32% आरक्षण नहीं मिल पा रहा है. इसके लिए अरविंद नेताम ने भाजपा और कांग्रेस दोनों ही सरकारों को जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शन के बाद भी सरकार इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं करती है, तो आगे भी आदिवासी 32% आरक्षण की मांग को लेकर लगातार सड़क की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं. अरविंद नेताम ने यह भी कहा कि सरकार ने 32% आरक्षण के साथ ही पेसा कानून को भी समाप्त कर दिया गया है, और आदिवासी जल जंगल और जमीन से भी वंचित हो गए हैं."

Last Updated : Nov 16, 2022, 5:37 PM IST

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