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छत्तीसगढ़ में वाहन चालकों से पुरानी दरों पर वसूला जाएगा समझौता शुल्क

छत्तीसगढ़ सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन का समझौता शुल्क का ऐलान नहीं किया है.

आरके विज

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Published : Sep 1, 2019, 5:02 PM IST

Updated : Sep 1, 2019, 7:22 PM IST

रायपुर. देश में सुरक्षा के लिए मोटर व्हीकल संशोधन एक्ट 2019 एक सितंबर से लागू हो गया है. इसके तहत यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को 50 से 60 फीसदी अधिक जुर्माने की राशि देनी होगी, लेकिन छत्तीसगढ़ में वाहन चालकों को थोड़ी रियायत मिली है, क्योंकि राज्य सरकार ने व्हीकल एक्ट के तहत समझौते शुल्क में कोई बढ़ोतरी नहीं की है.

आरके विज, स्पेशल डीजी

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यही वजह है कि यदि वाहन चालक यातायात नियमों का उल्लंघन करते पकड़ा जाता है, तो वाहन चालक को छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से निर्धारित समझौता शुल्क ही मौके पर देना होगा. समझौता शुल्क निर्धारित करने का अधिकार राज्य सरकार का होता है और अभी तक राज्य सरकार ने नए नियम लागू होने के बाद इस समझौता शुल्क का नए सिरे से निर्धारण नहीं किया है.

कोर्ट जाने पर नई दरों से देना होगा जुर्माना
ऐसे में अगर वाहन चालक ने मौके पर ही अपनी गलती मानते हुए समझौता शुल्क जमा कर दिया तो उसे छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की ओर से निर्धारित पुरानी दरों पर ही जुर्माने की राशि देनी होगी. अगर वाहन चालक को न्यायालय भेजा गया तो, वहां पर जो संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट के तहत जुर्माने के नए शुल्क का निर्धारण किया गया है, उसका भुगतान करना होगा और इसके साथ ही नियम के तहत किए गए जेल सहित अन्य सजा भी काटनी होगी.

आरके विज ने किया ऐलान
स्पेशल डीजी आरके विज ने बताया कि 'संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट देश सहित प्रदेश में भी लागू हो गया है, जहां तक समझौता शुल्क की बात है तो प्रदेश में अभी भी समझौता शुल्क को नए सिरे से निर्धारित नहीं किया गया है'.

पुरानी दरों से वसूला जाएगा समझौता शुल्क
इसकी वजह से चालानी कार्रवाई के दौरान वाहन चालकों से पुरानी दरों पर ही समझौता शुल्क लिया जाएगा. आरके विज ने बताया कि 'इस समझौता शुल्क का निर्धारण राज्य सरकार की ओर से किया जाता है. वर्तमान में इसे अभी तक रिवाइज नहीं किया गया है. विज ने बताया कि यदि वाहन चालक समझौता शुल्क नहीं देता है और उसे कोर्ट भेजा जाता है तो वहां पर संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट के तहत वाहन चालक को जुर्माना देना होगा.

कोर्ट जाने पर नई दरों से देना होगा जुर्माना
आर के विज के इस बयान से साफ है कि अगर वाहन चालक मौके पर अपनी गलती मानते हुए चालान जमा कर देता है, तो उसे कम राशि का भुगतान करना होगा और यदि उसकी ओर से किसी तरह की बदसलूकी की जाती है या फिर कार्रवाई में कोई व्यवधान पैदा किया जाता है तो उस वाहन चालक को कोर्ट भेज दिया जाएगा, जहां इस वाहन चालक को संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट के जमाने की भारी-भरकम राशि का भुगतान करना होगा.

सरकार ने नहीं जारी की नई दरें
देखने वाली बात है कि राज्य सरकार मोटर व्हीकल एक्ट के तहत समझौता शुल्क की नई दरें कब तक निर्धारित करती है. क्योंकि जब तक राज्य सरकार की ओर से समझौता शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया जाता, तब तक वाहन चालकों से पुरानी दरों पर ही प्रदेश में समझौता शुल्क वसूला जाएगा.

Last Updated : Sep 1, 2019, 7:22 PM IST

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