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Published : Nov 25, 2020, 10:18 PM IST

Updated : Nov 26, 2020, 6:54 AM IST

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केंद्र सरकार के खिलाफ ट्रेड यूनियन का हल्लाबोल, देशव्यापी हड़ताल

केंद्र सरकार के खिलाफ ट्रेड यूनियन ने मोर्चा खोल दिया है. छत्तीसगढ़ में भी मंहगाई समेत कई मुद्दों को लेकर ट्रेड यूनियन ने प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है. छत्तीसगढ़ में देश व्यापी हड़ताल को 28 संगठनों ने समर्थन दिया है. वहीं नए कृषि कानूनों पर विवाद थमता नहीं दिख रहा. विपक्षी दल लगातार इस मामले को हवा दे रहे हैं. विरोध जताने के लिए गुरुवार को किसान दिल्ली पहुंचने वाले हैं.

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ट्रेड यूनियन 26 नवंबर को करेंगे हड़ताल

रायपुर: केंद्र सरकार के खिलाफ ट्रेड यूनियन ने मोर्चा खोल दिया है. आज ट्रेड यूनियन की देशव्यापी हड़ताल है. हड़ताल में 25 करोड़ श्रमिकों के शामिल होने का दावा है. छत्तीसगढ़ में भी संगठनों ने देशव्यापी हड़ताल को समर्थन दिया. इससे कई सेक्टरों में कामकाज प्रभावित हो सकता है. श्रम संगठनों ने कोल इंडिया के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल का एलान किया है. श्रम संगठनों ने मोदी सरकार पर मजदूर विरोधी होने का आरोप लगाया है. कोरबा जिले की सभी कोयला खदानें इससे प्रभावित होंगी.

इसके अलावा केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध जताने गुरुवार को किसान दिल्ली पहुंचेंगे. दिल्ली चलो के नारे के साथ उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब से लाखों किसानों के पहुंचने का दावा किया जा रहा है. इस बीच, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकारों ने संभावित हिंसा की आशंका से अपनी-अपनी सीमाओं को सील कर दिया है.

दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने हड़ताल बुलााई है. इनके संयुक्त फोरम ने इस बारे में संयुक्त बयान भी जारी किया है.

  • इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक)
  • ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक)
  • हिंद मजदूर सभा (एचएमएस)
  • सेंटर फार इंडियान ट्रेड यूनियंस (सीटू)
  • ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (एआईयूटीयूसी)
  • ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर (टीयूसीसी)
  • सेल्फ-एम्प्लॉइड वुमेन्स एसोसिएशन (सेवा)
  • ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एआईसीसीटीयू)
  • लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (एलपीएफ)
  • यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (यूटीयूसी)
  • एआईबीईए भी होगा शामिल

अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) ने केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की 26 नवंबर में राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की है.

क्यों हो रही है हड़ताल ?

हड़ताल का आह्वान केंद्र सरकार की श्रम-विरोधी नीतियों के खिलाफ किया गया है. इस हड़ताल से कई सेक्टर में कामकाज प्रभावित रहेगा. ट्रेड यूनियन लेबर कोड का विरोध कर रहे हैं. मानसून सत्र में लोकसभा ने 3 लेबर कोड को पास किया था. इसमें सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के नाम पर 27 अधिनियमों को खारिज कर दिया गया. ट्रेड यूनियनों का कहना है कि इन कानूनों को खारिज कर सरकार ने कॉर्पोरेट को फायदा पहुंचाने का काम किया है.

पढ़ें:नए कृषि कानूनों के खिलाफ बृहस्पतिवार को दिल्ली पहुंचेंगे किसान

छत्तीसगढ़ में भी प्रदर्शन

बता दें कि छत्तीसगढ़ में ट्रेड यूनियन के देश व्यापी में हड़ताल के मद्देनजर 28 संगठनों ने समर्थन दिया. इससे कई सेक्टर में कामकाज प्रभावित हो सकता है. कोरबा में 10 श्रमिक संगठन एकजुट होकर हड़ताल करेंगे. कोल इंडिया में कोयले का उत्पादन प्रभावित होगा. बिलासपुर में महंगाई, निजीकरण समेत अन्य मुद्दों पर ट्रेड यूनियन का देशव्यापी आंदोलन किया जाएगा. बिलासपुर के नेहरू चौक पर प्रदर्शन किए जाएंगे. दुर्ग-भिलाई स्टील प्लांट के विभिन्न यूनियन के लोग राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर रहेंगे. श्रमिकों के विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल में ठेका श्रमिक कर्मचारी रहेंगे. राजधानी रायपुर के अलावा बिलासपुर में भी महंगाई, निजीकरण समेत अन्य मुद्दों पर ट्रेड यूनियन का देशव्यापी आंदोलन होगा. बिलासपुर के नेहरू चौक पर श्रमिक प्रदर्शन करेंगे.

कोल इंडिया के खिलाफ भी प्रदर्शन

गुरुवार को कोल इंडिया के खिलाफ 10 श्रमिक संगठन भी देशव्यापी हड़ताल करेंगे. श्रम संगठन केंद्र सरकार की जनविरोधी और मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.

Last Updated : Nov 26, 2020, 6:54 AM IST

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