रायपुर: नक्सली हमले में भाजपा विधायक भीमा मंडावी की मौत पर बीजेपी स्थगन प्रस्ताव लेकर आई. 13 विधायकों ने चर्चा कराने का प्रस्ताव दिया. प्रस्ताव में कहा गया है कि दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी को Z प्लस की सुरक्षा थी. मंडावी की सुरक्षा हटा ली गई इसलिए ये घटना हुई. आसंदी ने स्थगन प्रस्ताव को ग्राह्य कर लिया, जिसके बाद चर्चा शुरू हुई. इस पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने जवाब दिया कि, 'उनकी सुरक्षा में 48 जवानों को तैनात किया गया था. घटना के दिन दोपहर बाद चुनाव प्रचार का हवाला देकर भीमा मंडावी ने खुद सुरक्षा जवानों को लौटा दिया था. ये कहना गलत है कि भीमा मंडावी को सुरक्षा नहीं दी गई. सरकार की नक्सल नीति स्पष्ट है.'
हंगामे के साथ कार्यवाही की शुरुआत
हंगामा और गहमागहमी के साथ छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र की कार्यवाही शुरू हुई. शराब और अंडे पर सदन गर्म हुआ. शराब को लेकर विपक्ष के सवाल पर मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि शराबबंदी पर फैसला लेने के लिए तीन कमेटियों का गठन किया गया है. वहीं मिड डे मील में अंडे को शामिल किए जाने और करीबपंथियों और जैन समाज द्वारा इसका विरोध किए जाने पर सदन में हंगामा हुआ.
प्रश्नकाल में पहला सवाल भाजपा विधायक नारायण चंदेल ने उठाया. उन्होंने पूछा कि कलिंगा विश्वविद्यालय रायपुर में वर्ष 2014 से 2019 के मध्य कितने लोगों को किस-किस विषय में पीएचडी डिग्री प्रदान की गई. कितने पीएचडी होल्डर प्रोफेसर कार्यरत हैं. जवाब में उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने बताया कि 36 लोगों को कम्प्यूटर, साइंस, शिक्षा, कला एवं मानविकी, लाइब्रेरी साइंस, मैनेजमेंट, गणित, इंजीनियरिंग एवं पत्रकारिता में पीएचडी डिग्री दी गई. 27 पीएचडी होल्डर प्रोफेसर कार्यरत हैं. बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि निजी विवि में पीएचडी में फर्जीवाड़ा हो रहा है. प्रोफेसर्स की अहर्ता की जांच कराएंगे क्या? इस पर मंत्री ने UGC की गाइड लाइन सभी निजी विवि में भी लागू होने की बात कही. वहीं सदन की अनुमति से जांच कराने की बात कही. इस मुद्दे पर विपक्ष और सत्तापक्ष के विधायकों के बीच काफी नोकझोक हुई.