रायपुर: दिवाली को रोशनी का त्योहार भी कहा जाता है. दिवाली पर बच्चे जमकर आतिशबाजी करते हैं. कभी-कभी खतरनाक आतिशबाजी और रोशनी हमारी आंखों को नुकसान भी पहुंचा सकता है. दिवाली पर हम आपको कुछ टिप्स दे रहे हैं जिससे आप अपने त्योहार को सेफ तरीके से मना सकते हैं. बच्चे ज्यादातर पटाखों के साथ त्योहार की मस्ती को दोगुना करते हैं. बड़ों को चाहिए कि जब बच्चे आतिशबाजी कर रहे हों तो उनके पास ही मौजूद रहें. उनको गाइड करें. बच्चे जो पटाखे आसानी से जला सकें उन्ही पटाखों को खरीदें. बड़े धमाके करने वाले बमों से परहेज करें. बड़े पटाखे न सिर्फ पॉल्यूशन बढ़ाते हैं बल्कि बच्चों और बुजुर्गों के कान के पर्दे को नुकसान भी पहुंचाते हैं.
आतिशबाजी के वक्त बच्चों के साथ रहें: कई बार पटाखे जलाने के दौरान वो शरीर के आस पास ही फट जाता है. ऐसे हालात में घायल बच्चे को तुरंत फर्स्ट एड घर पर दें, और जब लगे कि उसकी हालत ठीक नहीं है तो तुरंत ही शरीर के जले हिस्से को पानी में डालकर रखें. जरूरत पड़े तो बर्फ से सेकें. तमाम चीजें करने के बाद भी जब घायल शख्स को आराम नहीं मिले तब तुरंत डॉक्टर के पास उसे लेकर जाएं. अक्सर हम घर पर ही खुद डॉक्टर बनकर इलाज करने में जुट जाते हैं और मरीज की हालत ज्यादा बिगड़ जाती है.