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आलाकमान से मिलने के लिए दिल्ली में बघेल खेमे के 35 विधायकों का लगा जमावड़ा - कांग्रेस विधायक

दिल्ली में बघेल खेमे के 35 विधायक मौजूद हैं. वह कांग्रेस (Congress) आलाकमान से मिलकर अपनी बात रखना चाहते हैं. लेकिन कोई भी विधायक मीडिया में अपने एजेंडे पर खुलकर बात करने को तैयार नहीं है.

Thirty five MLAs of Chhattisgarh reached Delhi
बघेल खेमे के 35 विधायकों का लगा जमावड़ा

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Published : Oct 2, 2021, 9:30 PM IST

Updated : Oct 2, 2021, 11:23 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में सत्ता हस्तांतरण (Power Transfer in Chhattisgarh) की अटकलों के बीच शनिवार को भी छत्तीसगढ़ के विधायकों ने नई दिल्ली में डेरा डालना जारी रखा और वह भी बढ़ी संख्या के साथ. करीब 14 विधायक गुरुवार को दिल्ली पहुंचे थे और शुक्रवार रात तक और विधायक दल में शामिल हो गए. शनिवार सुबह 5 और विधायकों के दिल्ली पहुंचने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में डेरा डाले हुए विधायकों की कुल संख्या 35 बताई जा रही है.

बघेल खेमे के 35 विधायकों का लगा जमावड़ा

सूत्र बताते हैं कि सीएम पद को लेकर मौजूदा सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव (Health Minister TS Singh Deo) के बीच खींचतान चल रही है. कहा जाता है कि 2018 में जब कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Assembly Election) में जीत हासिल की थी तब दोनों वरिष्ठ नेता शीर्ष पद के लिए सबसे आगे थे. दोनों में से कोई भी अपने दावे का त्याग करने के लिए सहमत नहीं हुआ और इस तरह शीर्ष नेतृत्व ने 'ढाई साल' के फॉर्मूले के लिए जोर दिया. जिसके अनुसार प्रत्येक नेता पूरे कार्यकाल में समान अवधि के लिए सीएम पद पर रहेगा. जब कार्यकाल का पहला भाग पूरा होने वाला था, तब टीएस सिंहदेव ( TS Singh Deo) शीर्ष नेतृत्व के पास पहुंचे और उन्हें समझौते के बारे में याद दिलाया. लेकिन भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) उसी समय 45 से अधिक विधायकों के साथ दिल्ली पहुंचे और सिंहदेव को ताकत के प्रदर्शन में किनारे कर दिया गया.

विधायकों का दिल्ली दौरा : क्या भूपेश की बचेगी "साख" या सिंहदेव की जड़ें होंगी और मजबूत ?

ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले से बढ़ी बेचैनी

तब मामला आलाकमान के निर्णय पर छोड़ दिया गया था लेकिन जैसे-जैसे बघेल सरकार के ढाई साल का समय नजदीक आता है और राहुल गांधी आने वाले दिनों में राज्य का दौरा करने वाले हैं, विधायक फिर से दिल्ली में इकट्ठा होने लगे हैं. कुछ विधायकों ने कहा कि करीब 60 विधायक सोमवार तक नई दिल्ली में रहेंगे और ये सभी भूपेश बघेल के समर्थक हैं. लगभग 25 विधायक शनिवार को छत्तीसगढ़ सदन में दोपहर के भोजन के लिए एकत्र हुए और फिर राज घाट गए जहां उन्होंने महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती (Birth Anniversary of Mahatma Gandhi and Lal Bahadur Shastri) पर उनके स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की. दिन भर बघेल खेमे के विधायकों ने ताकत और एकता का व्यापक संदेश दिया.

टीएस बाबा के समर्थन में सिर्फ 7 विधायक, हम चाहते हैं बघेल रहें सीएम- विधायक

इसी दौरान एक विधायक ने कहा कि "टीएस बाबा के समर्थन में केवल 7 विधायक हैं, हम सभी चाहते हैं कि भूपेश बघेल मुख्यमंत्री (Bhupesh Baghel Chief Minister) बने रहें. मीडिया से बात करते हुए, अधिकांश विधायक यह कहते रहते हैं कि यह केवल उनकी निजी यात्रा थी और हम वास्तविक उद्देश्य के बारे में चुप्पी साधे हुए हैं. लेकिन इशारों और दिन भर की गतिविधियों ने अलग कहानी का संकेत दिया. विधायक शीर्ष नेतृत्व से मिलना चाहते थे लेकिन चूंकि प्रियंका गांधी यूपी में हैं और छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया भी उनके साथ हैं. इसलिए बैठक अभी तक निर्धारित नहीं हुई है.

बघेल खेमे के विधायकों ने मीडिया से की बात

सरगुजा महाराज बुद्धिमान हैं: बृहस्पति सिंह

कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक बृहस्पति सिंह (MLA Brihaspati Singh) ने दोहराया कि, टीएस सिंह देव और बघेल के बीच खींचतान की सभी अफवाहें भाजपा द्वारा बनाई गई थीं और छत्तीसगढ़ की मजबूत सरकार के खिलाफ सिंहदेव को भड़काने की साजिश चल रही है. बृहस्पति सिंह ने कहा, "सरगुजा महाराज, सिंहदेव एक बुद्धिमान और वास्तविक नेता हैं और वह अन्य दो महाराजाओं (सिंधिया और कैप्टन अमरिंदर) (Scindia and Captain Amarinder) की तरह भाजपा के जाल में नहीं फंसेंगे.

सूत्रों ने पुष्टि की, कि विधायक कुछ और दिनों के लिए राष्ट्रीय राजधानी में रहेंगे और केवल महासचिव केसी वेणुगोपाल (General Secretary KC Venugopal) या कम से कम पीएल पुनिया (pl punia) से मिलने के बाद ही निकलेंगे. विधायक राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मिलना चाहते थे और उनसे छत्तीसगढ़ के अपने दौरे को कुछ और जिलों में विस्तारित करने का अनुरोध करना चाहते थे, लेकिन इसकी संभावना नहीं है. बघेल खेमे के एक विधायक ने कहा कि उनके दौरे का असली मकसद साकार हो गया है और शीर्ष नेतृत्व को संदेश स्पष्ट और स्पष्ट हो गया है. अब उनके लिए यह मायने नहीं रखता कि वरिष्ठ नेता उन्हें मिलने का समय दें या नहीं. वे चाहते हैं कि भूपेश बघेल पूरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री बने.

Last Updated : Oct 2, 2021, 11:23 PM IST

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