रायपुर: छत्तीसगढ़ में सत्ता हस्तांतरण (Power Transfer in Chhattisgarh) की अटकलों के बीच शनिवार को भी छत्तीसगढ़ के विधायकों ने नई दिल्ली में डेरा डालना जारी रखा और वह भी बढ़ी संख्या के साथ. करीब 14 विधायक गुरुवार को दिल्ली पहुंचे थे और शुक्रवार रात तक और विधायक दल में शामिल हो गए. शनिवार सुबह 5 और विधायकों के दिल्ली पहुंचने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में डेरा डाले हुए विधायकों की कुल संख्या 35 बताई जा रही है.
सूत्र बताते हैं कि सीएम पद को लेकर मौजूदा सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव (Health Minister TS Singh Deo) के बीच खींचतान चल रही है. कहा जाता है कि 2018 में जब कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (Chhattisgarh Assembly Election) में जीत हासिल की थी तब दोनों वरिष्ठ नेता शीर्ष पद के लिए सबसे आगे थे. दोनों में से कोई भी अपने दावे का त्याग करने के लिए सहमत नहीं हुआ और इस तरह शीर्ष नेतृत्व ने 'ढाई साल' के फॉर्मूले के लिए जोर दिया. जिसके अनुसार प्रत्येक नेता पूरे कार्यकाल में समान अवधि के लिए सीएम पद पर रहेगा. जब कार्यकाल का पहला भाग पूरा होने वाला था, तब टीएस सिंहदेव ( TS Singh Deo) शीर्ष नेतृत्व के पास पहुंचे और उन्हें समझौते के बारे में याद दिलाया. लेकिन भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) उसी समय 45 से अधिक विधायकों के साथ दिल्ली पहुंचे और सिंहदेव को ताकत के प्रदर्शन में किनारे कर दिया गया.
विधायकों का दिल्ली दौरा : क्या भूपेश की बचेगी "साख" या सिंहदेव की जड़ें होंगी और मजबूत ?
ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले से बढ़ी बेचैनी
तब मामला आलाकमान के निर्णय पर छोड़ दिया गया था लेकिन जैसे-जैसे बघेल सरकार के ढाई साल का समय नजदीक आता है और राहुल गांधी आने वाले दिनों में राज्य का दौरा करने वाले हैं, विधायक फिर से दिल्ली में इकट्ठा होने लगे हैं. कुछ विधायकों ने कहा कि करीब 60 विधायक सोमवार तक नई दिल्ली में रहेंगे और ये सभी भूपेश बघेल के समर्थक हैं. लगभग 25 विधायक शनिवार को छत्तीसगढ़ सदन में दोपहर के भोजन के लिए एकत्र हुए और फिर राज घाट गए जहां उन्होंने महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती (Birth Anniversary of Mahatma Gandhi and Lal Bahadur Shastri) पर उनके स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की. दिन भर बघेल खेमे के विधायकों ने ताकत और एकता का व्यापक संदेश दिया.