रायपुर:असम सहित पांच राज्यों के चुनाव के नतीजों का असर छत्तीसगढ़ में भी देखने को मिल रहा है. चुनावी नतीजों से जहां कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में निराशा है, वहीं भाजपा कार्यकर्ता पश्चिम बंगाल में मिली हार से मायूस हैं. असम चुनाव का असर छत्तीसगढ़ संगठन में नियुक्ति पर भी पड़ सकता है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को असम का प्रभारी बनाया गया था और इसके बाद से वे लगातार असम में छत्तीसगढ़ मॉडल को लेकर धुआंधार प्रचार भी कर रहे थे, लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस को वह सफलता नहीं मिल पाई, जिसका वे दावा कर रहे थे. इसका असर आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के राजनीतिक गलियारों में भी देखा जा सकेगा.
छत्तीसगढ़ में भारी बहुमत से सत्ता सरकार में बैठी कांग्रेस असम में भी भाजपा के किले को भेजने के लिए बड़ी रणनीति बनाई थी. इसके लिए छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल को असम का प्रभारी बनाया गया और उन्होंने भाजपा के इस नए गढ़ को भेदने के लिए अपनी रणनीति का इस्तेमाल किया, लेकिन कांग्रेस गठबंधन को बहुमत के करीब नहीं पहुंचा पाए. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चुनाव की घोषणा से पहले जनवरी 2021 की शुरुआत में ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को असम में कांग्रेस का चुनावी पर्यवेक्षक और चुनाव प्रबंधक बना दिया था. कांग्रेस के ही विधायक विकास उपाध्याय को राष्ट्रीय सचिव बनाकर असम का सह-प्रभारी भी बनाया गया. उसके बाद से कांग्रेस नेताओं का बड़ा हिस्सा असम चुनाव अभियान में शामिल होने पहुंचा था. दूसरे चरण का चुनाव प्रचार खत्म होने तक असम में छत्तीसगढ़ के 500 से ज्यादा नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे. वहां छत्तीसगढ़ मॉडल को लेकर कांग्रेस नेताओं ने खूब मेहनत की, बावजूद इसके असम में छत्तीसगढ़ मॉडल पर मुहर नहीं लग पाई.
37 विधानसभा में 12 सीटों पर जीती कांग्रेस
पार्टी आलाकमान की ओर से असम की बागडोर संभालने का आदेश मिलने के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार असम में सक्रिय रहे हैं. भाजपा के इस नए गढ़ को फतह करने के लिए छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने अपनी रणनीति का इस्तेमाल किया, लेकिन कांग्रेस गठबंधन के बहुमत के करीब नहीं पहुंच पाया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने असम के जिन 37 विधानसभा सीटों पर चुनाव प्रचार में फोकस किया था, उनमें से केवल 11 सीटें ही कांग्रेस के पक्ष में आई है. परिणाम को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर लिखा है कि उनके द्वारा सांप्रदायिक ध्रुवीकरण, लोकतंत्र विरोधी षड्यंत्र और तमाम अनैतिक काम के बावजूद इन विधानसभा चुनाव में हमारे कांग्रेस के प्रत्याशी जनता के मुद्दों पर डटे रहे और योद्धा की तरह लड़े इसपर उन्हें गर्व है.
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अमित जोगी ने भी ली चुटकी
छत्तीसगढ़ में क्षेत्रीय पार्टी के रूप में उपस्थिति दर्ज करा चुकी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के सुप्रीमो अमित जोगी ने भी असम चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निशाना साधा है. अमित जोगी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, अमेठी के बाद असम की कमान संभालने वाले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फिर से सिद्ध कर दिया है वे जहां भी जाते हैं कांग्रेस हार जाती है. अमित जोगी ने एक दोहा भी लिखा है, 'जहं-जहं पांव पड़े सन्तन के तहं-तहं होवै बन्टाधार!'. अमित जोगी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर छत्तीसगढ़ के संसाधन के दूसरे राज्य में चुनाव में खर्च करने पर करारा हमला बोला है. जूनियर जोगी ने कहा कि अपना राष्ट्रीय कद बनाने की असंभव महत्वकांक्षा को पूरा करने के लिए प्रदेश के सीमित संसाधनों को अन्य राज्यों में फूंकना भूपेश बघेल बंद कर दें. दरअसल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीते दिनों असम चुनाव को लेकर ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने 100 प्लस सीटों के साथ असम विधानसभा चुनाव जीतने की बात कही थी.