रायपुर :साड़ियां हमारे देश में महिलाओं का पारंपरिक परिधान है. यूं तो देश भर में कई प्रकार की साड़ियां बनती, मिलती और बिकती हैं. लेकिन आज हम आपको मिलवाने जा रहे हैं उन हस्त कलाकारों (Hand Artist) से, जो अपनी कड़ी मेहनत से कोसा की साड़ी (kosa Sari) तैयार करते हैं. उनके द्वारा यह साड़ी कई दिनों में दिन-रात मेहनत करके बनाई जाती है. इसके लिए उन्हें लंबी तैयारी भी करनी पड़ती है. तो आइये जानते हैं एक कोसा साड़ी तैयार करने में कितना समय लगता है. और किस तरह से कोसा साड़ी बनाई जाती है. इसे बनाने का ताना-बाना आखिर कैसा होता है.
तीन से चार दिन लगते हैं सिम्पल साड़ी बनाने में
इन दिनों राजधानी रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव (National Tribal Dance Festival 2021) में प्रदेश के विभिन्न जिलों से हस्तशिल्प कलाकर पहुंचे हैं. इसी आयोजन में बिलाईगढ़ के कारीगर भी हिस्सा लेने पहुंचे हुए हैं. इस दौरान ईटीवी भारत की टीम ने बिलाईगढ़ से रायपुर पहुंची साड़ी बनाने वाली महिला कारीगर बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि अगर कोसा की सिम्पल साड़ी बनाई जाती है तो उसमें कम से कम तीन से चार दिन का समय लगता है. जबकि ज्यादा डिजाइन वाली साड़ी बनाने में एक हफ्ते से लेकर 10 दिनों तक का समय लग जाता है. उन्होंने बताया कि यह उनका पुश्तैनी काम है, जो वे लोग कई पीढ़ियों से करते आ रहे हैं. अब उनका बेटा भी यह काम सीख चुका है और वह भी परिवार के साथ इस काम में उन लोगों का हाथ बंटाता है.