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संसद के दोनों सदनों में गूंजा छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का मुद्दा - CM BHUPESH BAGHEL

संसद के दोनों सदनों में बुधवार को छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का मुद्दा गूंजा. धान खरीदी को लेकर केंद्र और राज्य सरकार में टकराव की स्थिति बन रही है.

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Published : Nov 20, 2019, 1:20 PM IST

Updated : Nov 20, 2019, 2:04 PM IST

नई दिल्ली/रायपुर :संसद के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन राज्यसभा और लोकसभा में छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का मुद्दा जमकर गूंजा. छत्तीसगढ़ से कांग्रेस सांसद छाया वर्मा और मोतीलाल वोरा ने धान खरीदी को लेकर केंद्र सरकार को घेरा. वहीं लोकसभा में बेरहमपुर से कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी और राजनांदगांव से बीजेपी सांसद संतोष पांडे के बीच तीखी नोक-झोंक हो गई. बता दें कि छत्तीसगढ़ में एक दिसंबर से धान खरीदी की जानी है.

संसद में गूंजा धान खरीदी का मुद्दा

राज्यसभा में छत्तीसगढ़ से सांसद ने छाया वर्मा ने कहा कि, 'छत्तीसगढ़ का चावल केंद्रीय पूल से नहीं खरीदा जा रहा है. 2017-18 की तरह नियमों को शिथिल कर केंद्र छत्तीसगढ़ का धान खरीदे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, 'धान नहीं खरीदने का फैसला किसानों के साथ अन्याय है और ये निंदनीय है'.वहीं छत्तीसगढ़ से सांसद मोतीलाल वोरा और पीएल पुनिया ने भी धान खरीदी को लेकर केंद्र को घेरा और धान लेने की अपील की.

'केंद्र ने धान खरीदने से किया इंकार'
वहीं लोकसभा में कांग्रेस सासंद अधीर रंजन चौधरी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, 'छत्तीसगढ़ कांग्रेस शासित राज्य है इसीलिए केंद्र ने छत्तीसगढ़ से धान खरीदने से इंकार कर दिया.

'कांग्रेस सरकार ने किसानों का छला'
वहीं राजनांदगांव से सांसद संतोष पांडेय ने कहा कि, 'छत्तीसगढ़ में किसानों को छला गया है. कांग्रेस ने चुनावी घोषणा पत्र में शराबबंदी, किसानों कर्जमाफी और किसानों के धान का एक-एक दाना खरीदने की बात कही थी, लेकिन अब सरकार छत्तीसगढ़ की जनता को बरगलाना चाहती है और सरकार ने धान खरीदी में 15 दिन का विलंब किया है, जिसका जवाब जनता सरकार से चाहती है.

धान खरीदी को लेकर प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई है. नेताओं में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि केंद्र सरकार प्रदेश सरकार से किसानों को बोनस देने पर चावल नहीं खरीदने की बात कह रही है, इस तरह किसानों के उपजाए धान का केंद्र सरकार अपमान कर रही है. सीएम दो बार प्रधानमंत्री को पत्र भी लिख चुके हैं और दिल्ली जाकर केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात भी कर चुके हैं. वहीं पूर्व सीएम रमन सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तरफ से पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने पर कहा कि 'हम लोगों ने 15 नवंबर से धान खरीदने की मांग की थी, लेकिन इसमें बहुत देर हो चुकी है'. केंद्र से प्रदेश के मुख्यमंत्री के आग्रह करने पर रमन ने कहा कि 'उनको पीएम से मिलना चाहिए, इसमें कोई बुरी बात नहीं है'. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो भी नीतिगत फैसला है उसका क्रियान्वयन केंद्र सरकार करेगी.

Last Updated : Nov 20, 2019, 2:04 PM IST

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