रायपुर : भाटागांव स्थित दूधाधारी मठ द्वारा दान की गई जमीन पर नगरीय प्रशासन और विकास विभाग ने 49 करोड़ की लागत से इंटर स्टेट बस टर्मिनल का निर्माण कराया है. बस टर्मिनल का काम लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन जमीन देने के साथ दी गई चार शर्तों में से एक भी शर्त को पूरा नहीं किया गया है.
पूरी नहीं हुई दूधाधारी मठ की शर्तें इंटर स्टेट बस टर्मिनल का लोकार्पण 2 अक्टूबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा किया जाना था, लेकिन किसी कारण लोकार्पण नहीं हो सका. जिसकी वजह से शहरवासियों को हाईटेक बस टर्मिनल के लिए थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा, लेकिन दूधाधारी मठ ने जिन चार शर्तों के साथ जमीन दिया था, उसमें से एक भी शर्त पूरी नहीं की गई है.
दूधाधारी मठ की 4 शर्तें
⦁ इंटर स्टेट बस टर्मिनल का नाम दूधाधारी मठ के नाम पर रखा जाएगा.
⦁ इंटर स्टेट बस टर्मिनल पर बनी दुकानों में 15 दुकानें दूधाधारी मठ को दी जाएंगी.
⦁ समय-समय पर जमीन की उपयोगिता बदली जाएगी.
⦁ रायपुर के आसपास की 30 एकड़ जमीन दूधाधारी मठ को दी जाएगी.
इन चार शर्तों के आधार पर ही दूधाधारी मठ ने सरकार को यह जमीन दी थी. जिसमें से अब तक एक भी शर्त पूरी नहीं की गई है.
इस पर जब ETV भारत की टीम ने दूधाधारी मठ के महामंडलेश्वर राम सुंदर दास से पूछा कि उनकी शर्तें पूरी न होने पर उनकी प्रतिक्रिया क्या होगी तो उन्होंने बताया कि दूधाधारी मठ का धर्म मनुष्य समाज की सेवा करना है, इसलिए उन्होंने यह जमीन दान कर दी है.