रायपुर : गणपति बप्पा मोरिया, अगले बरस तू जल्दी आ...ऐसा उद्घोष जब सुनाई पड़ने लगे तब यह मानें कि अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) आ चुकी है. अनंत चतुर्दशी के शुभ पर्व पर ही श्रीगणेश भगवान (Lord Ganesha) की प्रतिमा का विसर्जन (Immersion of the statue) किया जाता है. आज के दिन ही लंबोदर महाराज एकदंत भगवान की 11 दिनों तक पूजा-पाठ आराधना और आरती करने के बाद विसर्जन का उत्सव मनाया जाता है. यह पर्व शतभिषा नक्षत्र, कुंभ राशि, शश योग, भद्र योग और मालव्य योग के सुंदर संयोग में मनाया जाएगा.
अनंत चतुर्दशी: एक सेर मालपुआ और पूड़ी का भोग लगाकर इस तरह करें भगवान विष्णु की पूजा
19 सितंबर को अनंत चतुर्दशी मनाई जाएगी. इसी दिन लंबोदर महाराज एकदंत भगवान की 11 दिनों तक पूजा-पाठ आराधना और आरती करने के बाद विसर्जन का उत्सव मनाया जाता है.
अनंत चतुर्दशी 19 सितंबर को मनायी जाएगी. अनंत चतुर्दशी व्रत के दिन भगवान श्री अनंत की पूजा का विधान है. इस दिन भगवान श्री अनंत के अनंत सूत्र को सुना जाता है. साथ ही भगवान अनंत की कथा भी सुनी जाती है. भगवान अनंत अर्थात श्री लक्ष्मी नारायण भगवान ही माने गए हैं. विष्णु भगवान को ही अनंत भगवान माना गया है. आज के दिन सुंदर मौली धागे से 14 गांठे बांधकर श्री अनंत भगवान अर्थात विष्णु भगवान को चढ़ाई जाती है. इसे भगवान को धारण कराकर स्वयं पहना जाता है. अनंत सूत्र का बहुत महत्व है, अग्नि पुराण यह कहता है कि एक सेर मालपुआ और पूड़ी का भोग भगवान श्री अनंत को लगाया जाता है.