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कोरोनाकाल में रेलवे ठेकेदारों को पूरे भुगतान का दावा, लेकिन ठेकेदार और ठेका श्रमिक मायूस

भारतीय रेल में वार्षिक और दैनिक ठेका श्रमिकों की संख्या लाखों में है. ये ठेका श्रमिक रेलवे ट्रैक मेंटनेंस के साथ साथ मशीनरी रिपेयरिंग का काम भी करते हैं. लेकिन कोरोनाकाल में रेलवे का कामकाज रुक जाने के कारण लोगों के जीवन पर गहरा असर पड़ा है. हालांकि रायपुर रेल मंडल का दावा है कि कोरोनाकाल में भी ठेकेदारों को पूरा भुगतान किया गया है. लेकिन ठेकेदार और ठेका श्रमिकों की अपनी-अपनी परेशानियां हैं.

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Published : Dec 9, 2020, 8:20 PM IST

रायपुर : रायपुर रेल मंडल ने साफ-सफाई का काम, पार्सल कार्यालय का ठेका और पार्किंग का ठेका दिया है. रेलवे का कहना है कि कोरोनाकाल में भी इन ठेकेदारों को भुगतान किया गया है. कोरोना और लॉकडाउन के समय भी ठेके पर दिए गए साफ-सफाई और पार्सल का काम जारी रहा.

ठेकेदार और ठेका श्रमिक मायूस

भुगतान का दावा

कोरोना में कई लोगों की नौकरी गई. कई लोगों का व्यवसाय चौपट हो गया. कई लोगों को काम करने के बाद भी भुगतान नहीं हुआ. हालांकि रायपुर रेल मंडल का दावा है कि कोरोनाकाल में भी ठेकेदारों को भुगतान किया गया है. कोरोना और लॉकडाउन के समय भी ठेके पर दिए गए साफ-सफाई और पार्सल का काम जारी रहा. रेलवे अधिकारियों का कहना है कि कोरोना काल में भी ठेकेदारों को भुगतान किया गया है. कोरोना और लॉकडाउन के समय भी ठेके पर दिए गए साफ-सफाई और पार्सल का काम जारी रहा.

रायपुर पार्किंग व्यवस्था

फिर से शुरू हुआ पार्किंग का काम

अधिकारियों का कहना है कि जरूरत के हिसाब से ठेकेदार से काम कराया जा रहा है. चाहे वह रेलवे के पार्सल कार्यालय का काम हो या फिर रेलवे की साफ सफाई संबंधी काम हो.

रायपुर पार्किंग व्यवस्था

ठेकेदार और ठेका श्रमिक हुए परेशान!

रायपुर में रेलवे ठेके में लगे ठेकेदारों का कहना है कि उन्हें 3 साल के ठेके पर काम दिया गया लेकिन भुगतान नहीं किया गया. रायपुर रेल मंडल के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें राशि का भुगतान कर दिया गया है.

रायपुर रेलवे स्टेशन

न ठेका मिला, न भुगतान

रेल मंत्रालय के आदेश के बाद मार्च से ठेके पर चलने वाले पार्किंग को रेल मंत्रालय के आदेश पर पूरी तरह से बंद कर दिया गया था, जिसे 1 महीने पहले फिर से शुरू कर दिया गया था. पिछले 8 महीने से बंद होने के कारण पार्किंग ठेकेदार और उनके स्टाफ को कई तरह की समस्याओं और दिक्कतों से गुजरना पड़ा है. ठेकेदारों का कहना है कि उन्हें लॉकडाउन के समय पूरा भुगतान नहीं हुआ. उन्हें 3 साल का ठेका दिया गया है. इसमें उन्हें काफी नुकसान हो रहा है.

रेलवे पार्किंग

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कामों का पूरा भुगतान हुआ

रायपुर रेलवे स्टेशन डायरेक्टर का कहना है कि ठेकेदार को पूरा भुगतान किया गया है. ठेकेदार काम करने वाले स्टाफ का ईएसआई और पीएफ कटाकर बिल रेलवे को समिट करते हैं. रेलवे के सीनियर डीसीएम का कहना है कि ठेकेदार को पूरा भुगतान किया गया है.

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एक नजर आंकड़ों पर

  • लॉकडाउन के पहले रायपुर रेलमंडल से 112 ट्रेनें गुजरती थीं.
  • मार्च में पूरे देश में लॉकडाउन किया गया था.
  • लॉकडाउन के कारण रायपुर रेल मंडल से होकर गुजरने वाली लगभग 112 ट्रेनों का संचालन बंद था.
  • 11 मई से मजदूरों के लिए कुछ एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया गया था.
  • रेलवे ने नवंबर में ठेके पर दिए गए पार्किंग का काम शुरू कराया.
  • साफ-सफाई और पार्सल कार्यालय के ठेके का काम कोरोनाकाल में भी बंद नहीं हुआ.

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